माई !
माई !!
ए भारत माई !!!
किसका है ये देश ?
देश में शान्ति से रहने वाले
सवा सौ करोड़ से भी ज़्यादा लोगों का
या मुट्ठी भर मवालियों का ?
किसका है ये मुल्क ?
कौन हैं वे लोग जो इसे कभी भी बन्द करा देते हैं ?
रेलें रोक देते हैं,
रिक्शा तोड़ देते हैं,
बसों को जला देते हैं
बोलो न माई !
मैं जानना चाहता हूँ ............
समझना चाहता हूँ
कि जिस मुल्क पर मैं गर्व करता हूँ
और बहाद्दुरों व सूरमाओं का देश कहता हूँ
क्या उसका कानून और प्रशासन इतना नपुंसक हो गया है
कि चन्द लोगों की हिंसक भीड़ के हाथों बन्धक हो गया है
बन्द के नाम पर
आगजनी
मारकाट
तोड़फोड़
देख सब रहे हैं, मगर शान्त हैं
क्योंकि सब के सब भयाक्रान्त हैं
कमबख्त किसी भी नागरिक का ख़ून खौलता नहीं है
इस गुंडागीरी के विरोध में कोई भी बोलता नहीं है
ज़रा ज़रा सी बात पर आपस में इक दूजे की माँ-बहन करने वाले लोग
रेलों में, बसों में एक सीट के लिए आसमान सर पे उठा लेने वाले लोग
अठन्नी मात्र के लिए सब्ज़ी वाले को गालियाँ बेशुमार देने वाले लोग
आज कहाँ हैं ?
कहाँ है उनकी आँखों का तेज़ ?
कहाँ है उनकी बाँहों का ज़ोर ?
_______________कोई नहीं बताएगा
क्योंकि सब साले गोबर गणेश है, कोई सामने नहीं आएगा
सबको अपनी जान प्यारी है
देश बचाने कोई नहीं आएगा
जय हिन्द !
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
7 comments:
बेहद सटीक और उम्दा प्रस्तुती !
माई भी अब कहाँ सुनती है उसके कान तो इन लोगों ने छीन लिये हैं ।
सबको अपनी जान प्यारी है
देश बचाने कोई नहीं आएगा
यही सत्य है .. पर सब नहीं समझते कि जो विपत्ति आज दूसरों पर है .. कभी भी खुद पर आ सकती है .. फिर उनको बचाने कौन आएगा ??
नेतारूपी भारत के ये रिश्वतखोर शेर किस दिन काम आयेंगे!
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भारत की रक्षा के लिए इन को बलिवेदी पर कुर्बान कर देना चाहिए!
बड़ा ही dukhad satya hai ...........
दुखद परन्तु सत्य
Koi nahin aayegaa...
Jab tak main nahin jaaungaa.
Main, yaane ki khud, yaane har wyakti..
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