आज एक मुक्तक प्रस्तुत कर रहा हूँ..........जिसे मैं अक्सर अपने
कवि-सम्मेलनीय मंच संचालन के दौरान काम में लेता हूँ । ये नहीं
पता कि इसका रचयिता कौन है लेकिन मुझे यह बड़ा प्रिय है ।
आप भी आनन्द लें इसका :
दर्द दर्द क्यों चीख चीख कर चेहरा ज़र्द हुआ है
दर्द हमेशा से ही मानव का हमदर्द हुआ है
मेरी अगर न मानो, अपनी माँ से जा कर पूछो
पहले दर्द हुआ है पैदा, पीछे मर्द हुआ है
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
आपने तो सारी पोल खोल कर रख दी!
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मेरा तो आब एक सप्ताह के अवकाश के बाद ही नेट पर आना होगा!
जन्मदिन मुबारक हो!
जन्मदिन मुबारक हो!
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं |
आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं |
पहले मुर्गी हुई की अंडा
कै
पहले दर्द हुआ फिर मर्द हुआ
मै तो कहता हूँ भैय्या
पहले मर्द हुआ फिर दर्द हुआ
फिर लोगों में चै चै
शुरू हो जाती है
पहले दर्द फिर मर्द
पहले मर्द फिर दर्द
हा हा हा हा
जन्मदिन मुबारक हो
अगर दर्द के बाद मर्द (लडका ) पैदा होता है तो वो दर्द भी माँ खुशी-खुशी सहन कर लेती है !
Thanks for sharing the Sayari.I like them.They are really very nice.
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