वैसे तो फ्रिज बड़े काम की चीज है । उसमे जो भी रखो, वह शीतल
और तरो-ताज़ा रहता है, परन्तु मेरे घर का फ्रिज कुछ विचित्र है ।
वह केवल और केवल मेरा दिमाग गर्म करने के लिए ही बना है शायद ।
अब क्या बताऊँ कि कैसा है ? बिलकुल हमारी पार्लियामेंट जैसा है
जिसमे सही से ज़्यादा गलत तत्त्व भरे पड़े हैं । उसपे तुर्रा ये है कि मुझे
सिर्फ़ सहन करना है............ न तो मैं पार्लियामेंट में कुछ बदलाव ला
सकता हूँ और न ही अपने घर के फ्रिज में ।
हालाँकि मैं फ्रिज सिर्फ़ तभी खोलता हूँ जब देर रात को घर के बाकी
लोग सोये रहते हैं और मुझे चाय बनाने के लिए दूध की दरकार होती है,
वरना मैं तो ज़िन्दगी भर उसकी तरफ़ झाँकूँ भी नहीं, क्योंकि जब भी
खोलता हूँ खून खौल उठता है मेरा.................क्योंकि ऐसी ऐसी चीज़ें
भरी मिलती हैं उसमे जो कि फ्रिज में रखनी ही नहीं चाहिए....मसलन
अचार, केले, काजू, किशमिश व बादाम और तो और पापड़ भी !
पापड़ ?
पापड़ भी फ्रिज में ?
प्याज़ भी फ्रिज में ?
दवाइयाँ तो ठीक है लेकिन ग्लूकोज़ पाउडर भी फ्रिज में ?
अब कुछ बोलो तो घर में झगड़ा होता है क्योंकि गुड्डू की माँ इस
विश्वास पर अड़ी है कि फ्रिज में रखने से हर चीज तरो-ताज़ा और
अच्छी रहती है । वो तो साइज़ छोटा पड़ जाता है वरना मेरी पत्नी
का वश चले तो मेरा पलंग भी वह उसी फ्रिज में बिछादे ............
लेकिन पापड़ ?
अरे कोई समझाओ इसे भाई...हर चीज फ्रिज में रखने की नहीं होती,
आप समझायेंगे तो मुझे दो लाभ होंगे, एक तो वो समझ जाएगी और
दूसरा मुझे इस पोस्ट पर टिप्पणियां मिल जाएँगी.................
क्यों ठीक है न ठीक ?
www.albelakhatri.com
और तरो-ताज़ा रहता है, परन्तु मेरे घर का फ्रिज कुछ विचित्र है ।
वह केवल और केवल मेरा दिमाग गर्म करने के लिए ही बना है शायद ।
अब क्या बताऊँ कि कैसा है ? बिलकुल हमारी पार्लियामेंट जैसा है
जिसमे सही से ज़्यादा गलत तत्त्व भरे पड़े हैं । उसपे तुर्रा ये है कि मुझे
सिर्फ़ सहन करना है............ न तो मैं पार्लियामेंट में कुछ बदलाव ला
सकता हूँ और न ही अपने घर के फ्रिज में ।
हालाँकि मैं फ्रिज सिर्फ़ तभी खोलता हूँ जब देर रात को घर के बाकी
लोग सोये रहते हैं और मुझे चाय बनाने के लिए दूध की दरकार होती है,
वरना मैं तो ज़िन्दगी भर उसकी तरफ़ झाँकूँ भी नहीं, क्योंकि जब भी
खोलता हूँ खून खौल उठता है मेरा.................क्योंकि ऐसी ऐसी चीज़ें
भरी मिलती हैं उसमे जो कि फ्रिज में रखनी ही नहीं चाहिए....मसलन
अचार, केले, काजू, किशमिश व बादाम और तो और पापड़ भी !
पापड़ ?
पापड़ भी फ्रिज में ?
प्याज़ भी फ्रिज में ?
दवाइयाँ तो ठीक है लेकिन ग्लूकोज़ पाउडर भी फ्रिज में ?
अब कुछ बोलो तो घर में झगड़ा होता है क्योंकि गुड्डू की माँ इस
विश्वास पर अड़ी है कि फ्रिज में रखने से हर चीज तरो-ताज़ा और
अच्छी रहती है । वो तो साइज़ छोटा पड़ जाता है वरना मेरी पत्नी
का वश चले तो मेरा पलंग भी वह उसी फ्रिज में बिछादे ............
लेकिन पापड़ ?
अरे कोई समझाओ इसे भाई...हर चीज फ्रिज में रखने की नहीं होती,
आप समझायेंगे तो मुझे दो लाभ होंगे, एक तो वो समझ जाएगी और
दूसरा मुझे इस पोस्ट पर टिप्पणियां मिल जाएँगी.................
क्यों ठीक है न ठीक ?
www.albelakhatri.com
11 comments:
क्या फ्रिज में रखने से पापड सचमुच तरोताजा रहता है .. क्या कल से मैं भी इसे फ्रिज में रखा करूं ??
फ्रिज में पापड़??? ये तो गजब हो गया.
काश आप अपनी पोस्ट को भी फ्रिज में रख सकते तो तारो ताजा रहती |
ये भी खूब रही..:)
आपने एक जाली की अल्मारी ज़रूर देखी होगी. वैसी ही, गांव में मेरे घर आज भी है. इसमें दूध से लेकर खाने वाली हरेक चीज़ रखी जाती है. हमारे घर एक बार एक कामवाली थी जो फ्रिज को यही अल्मारी समझती ही नहीं थी बल्कि उसी की तरह भरपूर प्रयोग भी करती थी... आपके यहां तो बस पापड़ ही फ्रिज में रखा मिला.
आप का खुन ना खोले ओर फ़्रिज मै फ़ालतू समान भी ना रखा जाये..... इस का सीधा सा उपाय़ कल सुबह नही अभी इसी वक्त इस फ़्रिज को घर से बाहर फ़ेंक दो, अजी ना रहेगा बांस ना बज्रे गी बांसुरी
मम्मी ने कहा है २ लोगो के बीच में नहीं बोलने का !!
अरे वाह! इसमें पापड़ भी रखते हैं, अभी बताता हूं गृह मंत्री को। :-)
शुक्र है पापड ही रखे
मेरे बच्चे तो अपनी चप्पलें भी फ्रिज में रख देते हैं:)
प्रणाम
शुक्र है साहब, आपको घर के फ्रिज़ से अपने लिए चाय बनाने के लिए दूध तो मिल जाता है, मगर” पार्लियामेंट” रुपी फ्रिज़ से तो सिर्फ “जूते-चप्पल” ही मिलते वो पहने ले लिए नही ,सिर पर पडने के लिए...........इसलिए जैसा चल रहा है उसी में संतोष करों !
आपका शुभचिंतक
आप का खुन ना खोले
Post a Comment