कल रात मैंने अपने एक अभिन्न मित्र को फोन किया तो वो बड़े मूड
में था और ख़ुश भी । बोला - यार....दस मिनट बाद बात करता हूँ ।
अभी तेरी भाभी के साथ ज़रूरी काम कर रहा हूँ । मैंने कहा - भाई
कोई जल्दी नहीं है आराम से सारे काम निपटा, अपन कल बात
करते हैं ।
ये कह के मैंने फोन रख दिया और चिट्ठाजगत में लोगों के ब्लॉग
पढ़ने लगा । अभी तीन कवितायें भी न पढ़ी थीं कि उसका फोन
आ गया । मैंने कहा - बड़ी जल्दी निपटा दिया ........वो बोला -
यार टाइम किसके पास है ? अपन तो हर काम फटाफट निपटाते
हैं । उसे तो मैंने कुछ नहीं कहा, लेकिन मुझे ये बात पसन्द नहीं
आई उसकी.........क्योंकि मेरा मानना है कि या तो कोई काम
करो मत , अगर करते हो तो तरीके से करो ।
सम्भोग एक ऐसी क्रिया है जो सलीके से और बड़े खुशनुमा मूड
में फुर्सत के साथ हो, तभी करना चाहिए........वरना पूरा मज़ा
किरकिरा हो जाता है । जल्दबाजी में केवल अपना काम निकाल
लेना सम्भोग नहीं है दोस्त ! ये तो बलात्कार और दैहिक
शोषण जैसा कुछ है . आपका साथी भले आपसे शिकायत न
करे, लेकिन वो मन ही मन आपको उल्लू का पट्ठा समझना
शुरू कर देता है ।
याद रखें.........सम्भोग करने से पहले स्वयं को स्नान अदि से
स्वच्छ करके , खुशबू इत्यादि से महका लें, बढ़िया सा संगीत
लगा दें और सारे फोन, मोबाइल इत्यादि बन्द कर दें । धीरे- धीरे
शुरूआत करें और जब भूमिका बन जाये तभी काव्यपाठ करें,
अन्यथा श्रोता की वाह वाह नहीं मिलेगी.............बीच में कोई भी
और बात न करें, किसी को याद न करें..........एक ही विषय चलना
चाहिए - उस समय का आनन्द !
जिस प्रकार पूजा -पाठ में कोई विघ्न नहीं पड़ना चाहिए उसी प्रकार
सहवास में भी कोई विघ्न नहीं पड़ना चाहिए और सबसे ज़रूरी बात
ये है कि तूफ़ान गुजरने के बाद भी उसी खुशनुमा मूड में रह
कर अपने साथी के साथ लिपट कर सोना चाहिए, सहलाना चाहिए
और मीठी-मीठी बातें करते रहना चाहिए क्योंकि सम्भोग केवल १०
मिनट के दैहिक प्रवेश और घर्षण क्रिया का नाम नहीं है बल्कि
सम्भोग एक महान कला है और उस कला में पारंगत होना
विवाहित लोगों के लिए ज़रूरी है ।
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
15 comments:
बड़ी हिम्मत चाहिये यह कहने के लिए कि आपकी ये पोस्ट पढ़ी, फिर उससे भी ज़्यादा हिम्मत चाहिये इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए...
बहुत अनुभवी हैं आप!
काजल जी की टिप्पणी से सहमत
जय हो महाराज
कोकशास्त्र के पारंगत ज्ञाता
बढिया ज्ञान दि्या है भ्राता
भैया प्रणाम,
बुरा मत मानियेगा, लगता है आजकल आपके दिमाग का दिवाला निकाल गया है, क्यों अपनी छवि का भी दिवाला निकलने में लगे हुए हैं आप?
हम तो अभी अंजान अज्ञानी हैं।
गुरु जी, यह डिपेंड करता है कि आप सम्भोग किस के साथ कर रहें है,अगर सम्भोग अपनी पत्नी के साथ कर रहे है तो समय की कोई सीमा नही लेकिन अगर सम्भोग पडोसन के साथ कर रहे हो तो भाई 10 मिनट क्या फिर तो 1 मिनट भी काफी है.....पता नही कोई आ ही जाए !
सादर
जै हो
गज़ब ढा दिये गुरु
आप जैसे ही कुछ लोग ऐसा सोचते है मगर हमारे साथी लोग तो फटाफट सेक्स में ही विस्वाश रखते है की अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता क्योकि लोगो के पास सब कुछ है मगर समय नहीं है मगर कुछ चीजे होती है जिनको जितना ज्यादा टाइम दो उतना ही उतना ही उत्साह और आनंद आता है मगर अपने अपने प्रतिष्ठित ब्लॉग पर इस बात को प्रस्तुत कर सराहनीय तथा प्रसंशनीय कार्य किया है
sahi hai guru.....
Bhai sahab ye kaam kutto(dogs) ka hai, manushyo ka nahi ! BABLOO ‼ HA HA HA.....
Khuch or bhi likho guru ......
Ap Ne bhi thoda hi bataya , Zara Khool ke bataye kase kare sambhog
भोसडी का मादरचोद
विषय ओल्ड हो या बोल्ड हो,
‘ब्लॉग की ख़बरें‘
सबको कवरेज देता है.
आप देख सकते हैं यह लिंक
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/04/vandana-gupta.html
right
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