एक समय में एक से अधिक दुःख कभी सहन न करो ।
कुछ लोग  हैं जो तीन किस्म के दुःख  एक साथ सहन करते हैं  -
वे तमाम जो आज तक उन पर पड़े,
वे तमाम  जो इस वक्त पड़ रहे हैं
और वे तमाम भी जिनके पड़ने की आशंका है
- अज्ञात महापुरूष
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा 
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
11 years ago


 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 





 
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3 comments:
सत्य वचन। आभार।
सत्य वचन महाराज !
अगर हमारे बस मै हो तो हम तो सारी दुनिया मै किसी को भी एक दुख भी ना होने दे
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