अभी कुछ फ़र्ज़ अदा करने बाकी है
अभी कुछ क़र्ज़ अदा करने बाकी है
अभी माँ की आँखों के आँसू सूखाने हैं
अभी मुर्शिद से किए कौल निभाने है
अभी मन का मैल धोना शुरू नहीं किया
अभी तेरी याद में रोना शुरू नहीं किया
अभी मैं तेरी देहरी के काबिल नहीं हूँ
अभी मैं अलमस्त-ओ-गाफ़िल नहीं हूँ
चार साल और देदे मौला !
चार साल और देदे दाता !
छियालीस साल तो केवल दिन काटे है
जग में फूल कम, कांटे ज़्यादा बाँटे हैं
अब कुछ साल जीना चाहता हूँ
ज़हर ज़माने का पीना चाहता हूँ
डर मुझे मौत का नहीं, अपने आप का है
अपने ही कर्मों का है, अपने ही पाप का है
तेरे दरबार में
शर्मिन्दा नहीं होना चाहता
इसलिए
या मेरे वाहेगुरु !
या मेरे रब !
बस..थोड़ी सी मोहलत और बख्श दे ........
चन्द साँसों की दौलत और बख्श दे
चार साल बाद आज ही के दिन उठा लेना
पचास पूरे होते ही पास अपने बुला लेना
तेरा कृतज्ञ
तेरा एहसानमंद
तेरा कर्ज़दार
-मैं
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
13 comments:
जन्मदिन पर बधाई! और शुभकामनाएँ!
तुम जियो हजारों साल!....
अभी तो बरसों बरस जीना है मित्र.
जन्म दिन मुबारक...बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ये कैसी बहकी-बहकी बातें कर रहें हैं आप ,
अरे आपको नहीं अपनी जरूरत ...
लेकिन इस बेदर्द ज़माने में ....
इंसानों को है इंसानों की जरूरत...
समझे मेरे इन्सान भाई ...
जन्म दिन बहुत-बहुत मुबारक हो
आप चार सौ साल तक जियें!
जन्मदिन पर बधाई! और शुभकामनाएँ!
आपके जन्मदिन पर मिले आपको सभी का प्यार,
प्रति क्षण लाए नया उत्साह, और खुशियों की बाहार,
खिलते फूलों की तरह, मुस्कान रहे आपके चहरे पर,
आज, कल और पल दर पल.....................
आपके जन्मदिन पर मिले आपको सभी का प्यार,
प्रति क्षण लाए नया उत्साह, और खुशियों की बाहार,
खिलते फूलों की तरह, मुस्कान रहे आपके चहरे पर,
आज, कल और पल दर पल.....................
आप चार नहीं अभी चालीस साल सक्रिय रहें, हमारी यह कामना है।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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सबसे खूबसूरत आँखें।
व्यायाम द्वारा बढ़ाएँ शारीरिक क्षमता।
albela ji , bahut hi sahi rachna hai .. bahut jyaada ji karke dukh uthane se accha hai ki kuch hi din jiye aur bina kisi par bojh bane yahan se nikal jaaye .. waise sir ji ... ye rona -gana to mera style hai , aapka to hansne hansaane wala hai .. ye katha ulti shuru kaise ho gayi .. any way .. bahut acchi rachna .. philosphical touch hai ...badhayi
चार क्यूँ ? अभी और चालीस जीलें ..
जन्मदिन मुबारक हो !
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जन्मदिन मुबारक हो सर
और कैसे है आप
आपके ब्लॉग पहली बार पढ़े आच्छे लगे .............
Happy B'day to you... aise nahin gaake ke bol raha hoon.. baat theek se nahin ho paayi phn pe.. :(
सुप्रिय अलबेला जी ,
जन्म दिवस पर बहुत बहुत बहुत शुभकामनाएं !
मंगलकामनाएं!!
विलंब से ही सही … शुभकामनाएं तो शुभकामनाएं हैं ।
आप कहें कुछ भी , चार क्या चौरासी साल तक तो भगवान के पास जाने की डेट भी नहीं आपके पास , इतनी बुकिंग तो धरती वालों के साथ तय है ।
…और दुआओं की दौलत है वो अलग !
एक बार फिर से Happy Birth Day To You !
शस्वरं पर भी आपका हार्दिक स्वागत है , आइए…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
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