ज्ञानवान को सन्तुष्ट करने के लिए किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं होती,
लेकिन मूर्ख को किसी चीज़ से भी सन्तोष नहीं मिलता
और यही कारण है कि मनुष्य जाति के इतने सारे लोग दुखी हैं .
हम दूसरों के आर-पार देखना चाहते हैं,
परन्तु स्वयं अपने आर-पार देखा जाना पसन्द नहीं करते .
-रोशे
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7 comments:
Wah Wah Guruji Baten kya batanee
बहुत सही, हम अपने अंदर तक झांकते नही आर पार क्या देखेंगे ।
सही कहा!
good good
सत्य वचन महाराज !
sahi hai..........
गुरु जी, हम तो दूसरो के आर-पार ही देख सकते है हमारे आर-पार देखने के लिए दूसरें है ना....
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