गुजरात नी सू वात छे
गुजरात तो गुजरात छे
पत्थर में पारस की,
पंछी में सारस की,
तिथियों में ग्यारस की बात ही कुछ और है,
दुनिया में एशिया की,
एशिया में भारत की
और भारत में गुजरात की बात ही कुछ और है।
गुजरात का बन्दा.....कमाल का बन्दा, बिजनैस माइण्डेड, इतना बिजनैस माइण्डेड कि कूएं में भी गिर जाए तो चिल्लाता बाद में है, पहले नहाता है और तब तक नहाता है जब तक कि मीडिया वालों का कैमरा नहीं आ जाता है। गुजरात का बन्दा..डॉक्टर भी बनेगा तो दान्त का। मेरे एक दोस्त हैं डॉक्टर वशिष्ठ, डेन्टिस्ट हैं। मैंने पूछा, 'क्या कारण है कि आप डेन्टिस्ट ही बने?' वो बोले, 'धन्धा नी वात छे। क्या है कि बाकी सारे पार्ट बॉडी में एक दो पीस होते हैं पर दान्त बत्तीस होते हैं।
गुजराती आदमी चूंकि व्यावसायिक ज्ञान में सबसे आगे होता है इसलिए मैंने एक काका से पूछा, 'काका, दूकान लगाने के लिए कोई बढिय़ा जगह बताओ', वो बोले, 'शमशान में लगाओ, वहां उधार डूबेगी नहीं, अगर कोई लेके चला भी जाएगा, आखिर तो वहीं आएगा।' गुजराती लोगों की व्यावसायिक सफलता इन दो पंक्तियों में उजागर होती हैं कि शादी चाहे किसी की हो, पहली मनुहार बाराती की होगी और चांद पर बस्ती पहले रूस बसाये या अमेरिका पर वहां पहली दूकान किसी गुजराती की होगी।
यहां पहली का उल्लेख मैंने इसलिए किया है क्योंकि दुनिया का सबसे पहला मंदिर (सोमनाथ) गुजरात में हैं, वेदों का पहला हिन्दी टीकाकार व भाष्यकार (स्वामी दयानंद) गुजरात में हुआ, अहिंसा के सहारे समूचे देश को एक सूत्र में बान्धने वाला पहला नेता या यूं कहें लोक नेता (महात्मा गांधी) गुजरात में हुआ, संगीत की दुनिया को स्वरलिपि की सौगात देने वाला महान संगीतज्ञ (उस्ताद मौलाबख्श) गुजरात ने दिया, भारत को पहला लौहपुरूष (सरदार वल्लभभाई पटेल) गुजरात ने दिया, हमारी लोकसभा को पहला अध्यक्ष (गणेश माळवणकर) गुजरात ने दिया, भारत में वस्त्रउद्योग का श्रीगणेश करने वाला पहला उद्योगपति (कस्तूरभाई लालभाई) गुजरात ने दिया, सिनेमा जगत की पहली बोलती फ़िल्म (आलमआरा) भी एक गुजराती ने बनाई, भारतीय टेस्ट क्रिकेट को पहली विजय भी एक गुजराती क्रिकेटर ने दिलाई, भारत का पहला का शक्कर कारखाना (बारडोली) भी गुजरात में कायम हुआ और स्वमूत्र चिकित्सा का ज्ञान देने वाले पहले विद्वान (मोरारजी देसाई) के साथ-साथ शेयर बाज़ार को हिला देने वाला पहला महा घोटालेबाज़ (हर्षद मेहता) भी गुजरात ने ही दिया।
जनरल माणेक शा, सैम पित्रोदा, सुनीता विलियम्स, विक्रम साराभाई, महादेव देसाई व धीरू भाई अंबानी जैसे महान लोगों की एक लम्बी सूची है जिन्होंने अपने पुरूषार्थ से गुजरात के सम्मान और स्वाभिमान को पूरी दुनिया में जगमगाया है। आओ गुजरात दिवस के स्वर्णिम अवसर पर इस रत्नगर्भा धरती को और इस धरती के रत्नों को प्रणाम करें और विश्वास व्यक्त करें कि आने वाले समय में गुजरात हमारे देश को वो प्रधानमंत्री भी देगा जो पूरी दुनिया में भारत को सबसे ऊंचे सिंहासन पर बैठाकर इसे पुनः विश्वगुरू होने का सम्मान दिलाएगा।
भक्ति भावना से उजियारा गुजरात
साहित्य सुधा की रसधारा गुजरात
कला-संस्कृति का रखवारा गुजरात
शौर्य और वीरता का नारा गुजरात
सौन्दर्य का शीतल फौव्वारा गुजरात
वसुधा की शान का सितारा गुजरात
दुनिया में सबसे है न्यारा गुजरात
स्वर्ग-सा सुरम्य है हमारा गुजरात
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
2 comments:
क्या बात है... वैसे कभी कन्फयुज हो रहा था कि तारिफ कर रहे हो या टांग खिच रहे हो..
kamaal hai..aawaaj me jadu dikha....sahi kah raha...vishwaas karo bhai...
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