Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

तुम्हारी याद आती है

पवन जब गुनगुनाती है, तुम्हारी याद आती है
घटा घनघोर छाती है, तुम्हारी याद आती है
बर्क़ जब कड़कडाती हैं, तुम्हारी याद आती है
कि जब बरसात आती है, तुम्हारी याद आती है

तुम्हारी याद आती है, तो लाखों दीप जलते हैं
मेरी चाहत के मधुबन में हज़ारों फूल खिलते हैं
इन आंखों में कई सपने, कई अरमां मचलते हैं
तुम्हारी याद आती है तो तन के तार हिलते हैं

2 comments:

रंजन May 12, 2009 at 9:38 AM  

बहुत सुन्दर..

महेन्द्र मिश्र May 12, 2009 at 10:19 AM  

पवन जब गुनगुनाती है, तुम्हारी याद आती है
घटा घनघोर छाती है, तुम्हारी याद आती है
बर्क़ जब कड़कडाती हैं, तुम्हारी याद आती है
कि जब बरसात आती है, तुम्हारी याद आती है

प्रिय की याद में बहुत ही बढ़िया रचना .

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive