मस्ती का मदहोश समन्दर तू ही है
अखिल भुवन में सबसे सुन्दर तू ही है
आँखों में तो लोग बहुत से रहते हैं
लेकिन मेरे दिल के अन्दर तू ही है
-अलबेला खत्री
अखिल भुवन में सबसे सुन्दर तू ही है
आँखों में तो लोग बहुत से रहते हैं
लेकिन मेरे दिल के अन्दर तू ही है
-अलबेला खत्री
4 comments:
बहुत पवित्र है, एक दम सूफी,मेरी नज़र से
मयूर
अलबेला जी,
बहुत सुन्दर लिखा है आपने | हमारी ओर से बधाई
स्वप्न मंजूषा
अलबेला जी,
बहुत सुन्दर लिखा है आपने | हमारी ओर से बधाई
स्वप्न मंजूषा
अभी ठीक से दो महिने भी नहीं बीते हैं और शतक!! गजब भाई, ये आपके ही बस का है..लग रहा है कि साल खत्म होते तो हजारा नजर आयेगा..यही चाहत भी है..बधाई के साथ साथ शुभकामनाऐं. जमाये रहिये.
:)
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