सन्नाटे के सीने में तूफ़ान छिपा है
दर्द के दिल में खुशियों का सामान छिपा है
अंधियारे के आँचल से सूरज निकलेगा
काँटों के साए में फिर से फूल खिलेगा
रात बहुत लम्बी है लेकिन कट ही जायेगी
फिर सुबह आएगी........
फिर सुबह आएगी........
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
भई, ब्लॉगवाणी पर क्यूँ नहीं दिख रहे हो...चेक किया है क्या?
main bhi do din se yahi soch raha hoon ki blogvani se rishta toot kaise gaya?
aaj punah: janch karta hoon.....
DHYAN DILANE K LIYE HARDIK AABHAAAAR
जरुर आयेगी...
बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार अलबेला जी को किरण सिन्धु का नमस्कार. आपने मेरे आलेख "मेरी सहभागिता " की सराहना की इसके लिए बहुत - बहुत धन्यवाद. पाठकों की प्रतिक्रिया मेरी लेखनी की शक्ति है और मूल्यांकन मेरे विचारों का मापदंड. लेखन में मेरी रूचि किशोरावस्था से ही रही है, इन्टरनेट के माध्यम से अभिव्यक्ति को एक नया आयाम मिला है.
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