आदर्शों को फाँसी हो गई और नियमों को जेल हो गई
सुख के बादल बिखर चले हैं, दु:ख की धक्कमपेल हो गई
किन शब्दों में व्यक्त करूं मैं हैरत तुम बतलाओ तो
नक़ल हो गई पास यहाँ पर और पढ़ाई फेल हो गई
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
-
शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
2 comments:
किन शब्दों में व्यक्त करूं मैं हैरत तुम बतलाओ तो
नक़ल हो गई पास यहाँ पर और पढ़ाई फेल हो गई
bahut sahi...... eastern U.P. ka yahi sach hain
कविता पढ़ ली, याद हो गई,समझ में आई यारा
मगर जो टिप्पणी की तो मॉडरेशन में जेल हो गई.
Post a Comment