गुलकन्द है मकरन्द है साँसों में आपकी
ज़ाफ़रान की सुगन्ध है साँसों में आपकी
दुनिया में तो भरे हैं ज़ख्मो-रंजो-दर्दो-ग़म
आह्लाद और आनन्द है साँसों में आपकी
कितनी है गीतिकाएं,ग़ज़लें और रुबाइयां
कितने ही गीतो-छन्द हैं साँसों में आपकी
कहीं और ठौर ही नहीं है जाऊंगा कहाँ ?
मेरे तो प्राण बन्द हैं साँसों में आपकी
ज़ाफ़रान की सुगन्ध है साँसों में आपकी
दुनिया में तो भरे हैं ज़ख्मो-रंजो-दर्दो-ग़म
आह्लाद और आनन्द है साँसों में आपकी
कितनी है गीतिकाएं,ग़ज़लें और रुबाइयां
कितने ही गीतो-छन्द हैं साँसों में आपकी
कहीं और ठौर ही नहीं है जाऊंगा कहाँ ?
मेरे तो प्राण बन्द हैं साँसों में आपकी
8 comments:
AAPKI YE RACHANAA PASAND AAYEE BAHOT KHUB LIKHAA HAI AAPNE MAGAR ISE MAIN GAZAL NAHI KAHUNGAA..MUAAFI ISKE LIYE... PAHALI BAAR HI AAPKE BALOG PE AAYAA HUN ACHHA LAGAA MAGAR DUKHI HUAA KE AAPNE ISE GAZAL KA LABEL DE DIYA..
SHABDON KA SANYOJAN KHUSURAT HAI AUR BHAV BHI KOI SHAK NAI ........ISAKE LIYE DHERO BADHAAYEE AAPKO SAHIB...
ARSH
ARSH SAHEB,
sabse pahle toh main aapka tahedil se shukriya ada karna chahta hoon ki aap jaisee azeem shkhsiyat ne mere blog par chand lamhaat guzare aur na sirf galat ko galat kahne ki kripa ki balki hausla bhi badhaya...main kritagy hoon va rahoonga...saath hi yah nivedan bhi karta hoon ki main mooltah ghazalkar nahin balki ek hasya kavi hoon...haan ghazal se mujhe ishq hai aur main ghazal par kaam karna chahta hoon YON SAMAJHIYE KI YE EK NAVJAT SHISHU KA GAYAN HAI JISE ABHI MAA K SIVA AUR KUCHH BHI BOLNA NAHIN AATA...bas chhatpatahat si hai aur vah jari hai
main koshish karoonga ki dobara aisa na ho..
aapka hardik aabhar ...aate rahiyega ...please
-albela khatri
www.albelakhatri.com
रचना अच्छी है बधाई
jo bhi hain..... gazal hain ya geet.....khoobsurat hain
अलबेला साहिब,
चूँकि मैं टेलीविज़न कम ही देखता हूँ इसलिए आपको जानता नहीं था मुआफी इसकेलिए ... मगर बगल में लगे विडियो को देखा बहोत आनंद आया दिल बहोत खुश हुआ .... ढेरो बधाई आपको ... अब तो आना जाना लगा रहेगा ...
अल्लाहाफिज़
अर्श
bahut badhiya .
कहीं और ठौर ही नहीं है जाऊंगा कहाँ ?
मेरे तो प्राण बन्द हैं साँसों में आपकी...
अकेला शेर ही पूरी गज़ल है भाई..बेहतरीन!!
कहीं और ठौर ही नहीं है जाऊंगा कहाँ ?
मेरे तो प्राण बन्द हैं साँसों में आपकी...
bahut badiyaa...
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