एक-एक चेहरा मायूस सा हताश सा है
एक-एक चेहरा उदास मेरे देश में
बहू को जला रही है सास मेरे देश में
तोड़ो नहीं बन्धु यह आस मेरे देश में
पैदा होगा फिर से सुभाष मेरे देश में
एक-एक चेहरा मायूस सा हताश सा है
एक-एक चेहरा उदास मेरे देश में
बहू को जला रही है सास मेरे देश में
तोड़ो नहीं बन्धु यह आस मेरे देश में
पैदा होगा फिर से सुभाष मेरे देश में
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1 comments:
शानदार सर, वाकई मैंने जब तक आपको लाफ्टर चैलेंज शो में देखा था तब तक मेरे दिमाग में आपकी छवि एक हास्य कवि और स्टैंड अप कॉमेडिएन के रूप में थी, लेकिन आपके ब्लॉग पर हर तरह की कविताएं और ग़ज़लें पढ़कर आपकी प्रतिभा का विस्तार पता चला है। अभी इस विस्तार का कहां तक और प्रसार होता है... ये तो आगे पता ही चलता रहेगा।
कविता के लिए बधाइयां
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