हे वीणापाणि, वाणी को सुरों का ज्ञान दे दो माँ !
कलम में बल, हृदय निर्मल,सहज सम्मान दे दो माँ !
दया का दान दे दो माँ ...यही वरदान दे दो माँ !
वतन के कर्णधारों को ज़रा ईमान दे दो माँ !
ज़रा ईमान दे दो माँ .....वतन खुशहाल हो जाए
समृद्धि की बहे धारा व मालामाल हो जाए
नई पीढ़ी के पीले चेहरे फिर से लाल हो जाए
ये भारतवर्ष जग में फिर बेमिसाल हो जाए
कलम में बल, हृदय निर्मल,सहज सम्मान दे दो माँ !
दया का दान दे दो माँ ...यही वरदान दे दो माँ !
वतन के कर्णधारों को ज़रा ईमान दे दो माँ !
ज़रा ईमान दे दो माँ .....वतन खुशहाल हो जाए
समृद्धि की बहे धारा व मालामाल हो जाए
नई पीढ़ी के पीले चेहरे फिर से लाल हो जाए
ये भारतवर्ष जग में फिर बेमिसाल हो जाए
4 comments:
बहुत सुन्दर सरस्वति वंदना बधाई
www.veerbahuti.blogspot.com
रचना अच्छी ही नहीं बहुत ही अच्छी लगी। सरस्वती से अब विमल मति नेताओं के लिए मांगना बहुत जरूरी हो गया है। आपने मांगा औरों को प्रेरित किया धन्यवाद।
ईमेल से भेज सकें अथवा लिंक बना पांए तो आभारी रहूंगा।
रचना अच्छी ही नहीं बहुत ही अच्छी लगी। सरस्वती से अब विमल मति नेताओं के लिए मांगना बहुत जरूरी हो गया है। आपने मांगा औरों को प्रेरित किया धन्यवाद।
ईमेल से भेज सकें अथवा लिंक बना पांए तो आभारी रहूंगा।
बहुत बेहतरीन रचना.
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