मित्रो !
नमस्कार ..........
बहुत मिस कर रहा हूँ आप सब को..........लेकिन कवि सम्मेलन हैं कि हनुमान जी की पूंछ की तरह बढ़ते ही जा
रहे हैं और मैं घर से बाहर ही बाहर घूम रहा हूँ ..........
दिन भर यात्रा और रात भर कविता की प्रस्तुति ...........यही चल रहा है...........लेकिन बहुत अच्छा चल रहा है ॥
8 अक्तूबर को इस श्रृंखला का आखरी प्रोग्राम गोंदिया में कर के 9 को घर पहुँच जाउंगा
कल खरगोन में कविता पढ़ी, आज धुलिया में हूँ .............
जैसे ही घर पहुँच जाऊँगा , मैं आपको बताऊंगा ताऊ रामपुरिया के फोन, अनिल पुसदकर के फौव्वारे, बी एस
पाबला के पुष्प गुच्छ , शरद कोकास के चश्मे और नन्हीं कोंपल की रंगोली से हुई भेंटवार्ता के कुछ ख़ास अंश ....
तब तक दुआ कीजिये कि घर सही सलामत पहुँच जाऊं....................क्योंकि कवियों का समय बहुत ख़राब चल
रहा है ...............रोज़ एक आध निपट रहा है................ अभी तीन पहले जब मैं राजस्थान के देवगढ में
काव्यपाठ कर रहा था तो नज़दीक ही बांसवाडा के प्रोग्राम में मेरे मंचीय साथी प्रहलाद नवीन चल बसे और
अगले दिन मेरे आदर्श कवि बीकानेर के हरीश भादानी चल बसे..............डर लगने लगा है अब तो कवियों
को.............खैर.......
मिलते हैं........9 अक्तूबर को...........
-अलबेला खत्री
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
18 comments:
बेटे के आशीर्वाद समारोह में पाबलाजी ने बताया कि आप आते-आते रह गए. आ जाते तो और रौनक हो जाती. पर काम पहले है. चलिए छोटी सी ये दुनिया कभी तो मिलोगे तो निकालेंगे कसर
भाई आप खूब कवि सम्मेलनों में हिस्सा ले पर ब्लागरो को काफी दिनों तक मिस न करें
सचमुच , आज सोचा तो ख्याल आया की आप से बहुत दिनों से मिलना नहीं हुआ है. इस व्यस्तता की बधाई.
वैसे फुर्सत मिले तो ज़रूर विजिट कीजिये.
शुभकामनाएं.
अमां शुभ शुभ बोलो अलबेला भाई...आप तो जमाये रहो..सब निपटा कर घर पहुंचो..और ठेलो धडाधड पोस्ट..हम भी इंतजार कर रहे हैं...
अलबेला भाई , आपकी व्यस्तता का चश्मदीद गवाह मुझसे ज़्यादा और कौन हो सकता है ( यह चश्मे वाला सस्पेंस आपके लौटने तक के लिये छोड रहा हूँ ) आप इन दिनो ब्लॉग की दुनिया से अनुपस्थित है लेकिन सब लोग किसी न किसी रूप मे आपको याद कर ही रहे हैं । आप निश्चिंत होकर अपना कार्यक्रम पूरा कीजिये । समय तो इंसान का ही खराब चल रहा है इस धरती पर सो जब तक अपना काम पूरा नही हो जाता तब तक तो अपने को रहना ही है । हरीश भादानी जी मेरे भी आदर्श रहे है । "वातायन" मे मेरी कवितायें उन्होने छापी थी उनसे पत्रव्यवहार भी रहा है । उनकी स्मृति को नमन है ।प्रह्लाद नवीन जी को भी श्रद्धांजलि । आप अपने मार्ग पर निर्भय होकर चलते रहिये हम सभी की दुआयें आपके साथ हैं ।
jai ho bhai sab
राम जी करेंगे बेड़ा पार्।
आपकी यात्रा मँगलमय हो ...
हर तरफ अपने झण्डे गाड़ कर लौटें
अलबेला जी,
आप तो टी-२० वाले चिठ्ठाकार हैं....इतने दिनो आपका अभाव खला...आशा हैं कि आप कवि-सम्मेलनो मे धमाल मचाकर जल्द ही वापस आयेंगे
जिस को जाना है, कौन रोक लेगा? आप सलामत रहें।
हम भी आप को बहुत मिस कर रहे हैं।
हाँ, आपके वापसी का इंतज़ार है.
आपके लिए एक परोडी भी ख़ास है.
हास्यकवि: सुलभ सतरंगी (यादों का इंद्रजाल पर)
सच है अलबेला जी. बहुत दिन हुए आपको पढे हुए. तमाम कार्यक्रमों के लिये शुभकामनायें.
albela ji
hame aapka intjaar hai
jaldi waapas sakushal aayiye aur apni yaado se blog ka chaman gulzaar kijiye ..
regards
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
nice
अलबेलाजी आपको बहुत बहुत मिस कर रहे हैं ! आपकी कुशलता के भगवान् से प्रार्थना करते है,| बिना आपके ब्लॉग जगत अधूरा सा लगता है !!
" aap ..ghar oahunch jao yahi bhagawan se prathana ...waise aapke hansi ke fanware hume jald hi padhne hai bhaiya ....vo chasma vasma wali baate ...."
" chalo abhi bahut ho gaya jaldi ghar pahuncho ....aaur mast ..zhkash post likh do ...intezar hai "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
http://hindimasti4u.blogspot.com
खत्री जी
आपको शुभकामनाएँ!
हरीश भादानी जी को श्रद्धाञ्जलि!
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