प्रिय मित्रो !
मैं तो एक टूटा फूटा तुक्कड़ हूँ
जो कि अपने आप को कवि के रूप में महिमा मण्डित
इसलिए करता हूँ क्योंकि यह मेरी रोज़ी रोटी है
और अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए मुझे ऐसा करना
कोई अशोभनीय या अतिशयोक्ति नहीं लगता
लेकिन जिन लोगों ने वास्तव में काव्य रचा है और
साहित्य की समृद्धि के साथ साथ हिन्दी की उन्नति
अथवा सेवा का महती कार्य किया है उनकी कुछ विशेष
कवितायें आप तक पहुंचाने के लिए मैंने एक नया ब्लॉग
" कवि सम्मेलन "
आरम्भ किया है । कृपया आप उनका आनन्द लेने
के लिए नीचे दिए गए लिंक पर अवश्य पधारें.........
http://hindikavisammelan.blogspot.com/
आप सब को सादर आमन्त्रण
-अलबेला खत्री
6 comments:
जानकारी के लिए शुक्रिया अलबेला साहब, अच्छा प्रयास है एवं आज के प्रस्तुत दोहे भी बहुत सुन्दर लगे !
बहुत सुन्दर प्रयास है आपका!
वहाँ पर बहुत अच्छी रचनाएँ पढ़ने को मिलीं!!
धन्यवाद!!!
बहुत सुंदर, बधाई
shubhkamnayen !!
निमंत्रण तो मिल गया है मगर आने जाने का टिकट नही मिला तो आयें कैसे?हा हा हा हा आते हैं फ़ुरसत मिलते ही।
नये ब्लोग के साथ आपका एक बार फ़िर स्वागत है!
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