मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
तूने बख्शा नूर हृदय में लेकिन मैंने चुनी सियाही
तूने सैर चमन की बख्शी लेकिन मैंने कीचड़ चाही
सौ सौ क़समें खायीं लेकिन एक क़सम भी नहीं निबाही
मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
मालिक ! तेरी एक झलक में लाखों सूर समाये हैं
ऐसी एक झलक के दर्शन ख़ुद मैंने भी पाये हैं
लेकिन मैं वो ज्योत कि जिस पर तम के गहरे साये हैं
मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
तू है दयालु ,परम कृपालु , तेरे क़रम का अन्त नहीं
मैं छोटा ,मेरे पाप भी छोटे ,दोष की सूचि अनन्त नहीं
सत्य में शक्ति, शक्ति में भक्ति ,झूठ कभी बलवन्त नहीं
मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
एक बार फ़िर अवसर बख्शो ,बख्शो प्रेम पियाला
तम हो जायें दूर जगत के ,घट में होय उजाला
तन की सारी चाहो-हवस का कर डालो मुंह कला
मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
मैं तेरा अपराधी
तूने बख्शा नूर हृदय में लेकिन मैंने चुनी सियाही
तूने सैर चमन की बख्शी लेकिन मैंने कीचड़ चाही
सौ सौ क़समें खायीं लेकिन एक क़सम भी नहीं निबाही
मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
मालिक ! तेरी एक झलक में लाखों सूर समाये हैं
ऐसी एक झलक के दर्शन ख़ुद मैंने भी पाये हैं
लेकिन मैं वो ज्योत कि जिस पर तम के गहरे साये हैं
मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
तू है दयालु ,परम कृपालु , तेरे क़रम का अन्त नहीं
मैं छोटा ,मेरे पाप भी छोटे ,दोष की सूचि अनन्त नहीं
सत्य में शक्ति, शक्ति में भक्ति ,झूठ कभी बलवन्त नहीं
मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
एक बार फ़िर अवसर बख्शो ,बख्शो प्रेम पियाला
तम हो जायें दूर जगत के ,घट में होय उजाला
तन की सारी चाहो-हवस का कर डालो मुंह कला
मैं तेरा अपराधी दाता
मैं तेरा अपराधी
21 comments:
बढ़िया रचना..दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
निशि दिन खिलता रहे आपका परिवार
चंहु दिशि फ़ैले आंगन मे सदा उजियार
खील पताशे मिठाई और धुम धड़ाके से
हिल-मिल मनाएं दीवाली का त्यौहार
अच्छी रचना !!
पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
आपको दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई.
दीपक भारतदीप
बहुत सुन्दर रचना।
दीपावली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं
दीपावली पर्व की कोटि कोटि बधाईयाँ और सुभ कामनाएं ।
दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!
अलबेला खत्री जी ! दीपावली पर आपका टिप्पनी पढ कर वास्तव में मुझे ऐसा लगा कि मैं इस तरह की मुहिम में अकेला नहीं hun । हम भावना प्रधान लोग हैं ,मनुश्य भावना -प्रेम -दया -क्षमा आदी का जीता जगता ईश्वरीय वरदान हैं ,जिन लोगों में आवेश -भावना आदी का अभाव हैं वह तो जीवित लाश और दो पहिए का पशुतुल्य हैं ।
मैं भी जब लिखता हंू तो छोट करके नहीं लिख सकता ,जब विस्तार से लिखने पर भी लोगों का प्रतिक्रिया लगभग shuny हैं तो सक्षेप में कितने लोग हम जैसों ko समझ सकेंगे ?
ब्लॉगवाणी ने जो अवसर हमें प्रदान किया हैं उसका अधिकाधिक जनजागरण के काम में उपयोगा हो सकें यही मंशा के साथ लिखना shuru किया था ,आप जैसे अच्छे लोग भी यदि इस तरह की काम में हाथ बटायें तों मैं दावे के साथ कह सकता हंू कि हम विश्व गुरू के पद पर फिर से आसीन हो सकते हैं ,आपने एक कार्यक्रम में ऐसा ही सपना देखा हैं ..........हम सभी का सपना साकार हो यही ‘ाुभकामनाओं के साथ ..................साित्वक दीपवाली आप और आपके परिवार को मंगलमय हो .....
इसमें आध्यात्मिक रहस्य दिखाई पड़ता है।
प्रभावित करने वाली रचना
rachna achchi lagi...diwali ki shubhkaamnaye
" behtarin bhavo se bhari rachana .. is rachana ki tarif ke liye hum alfaz kahan se laaye ..DAATA ne hume bahut kuch diya magar hum nahi sambhal sakte hai ..vo hazar haath wala dil kholker hume de raha hai magar hum naadan use samaj nahi paa rahain .."
" aapko is rachana ke liye hamara dil se salam "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
shukria;aapko dipawali ki shubh kamnayen.
main tera apradhi data.....bahut acchi rachana lagi.
बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
वाह.बहुत सुन्दर स्वीकारोक्ति है. मेरे ब्लॉग का रास्ता भूल गये हैं क्या?
main bhi tera apraadhi daata
main bhi tera apraadhi
-Sheena
यही दुआ है कि शीघ्रातिशीघ्र यह अपराध-बोध समाप्त हो लेकिन विनम्रता बनी रहे ,अहंकार प्रवेश न करे , बुराइयों से लड़ने की ताकत अता हो .. शुभकामनायें ।
बहुत ही गहरे पैठ कर लिखी है ये कविता आपने । मैं भी इस गीत में आपके साथ शामिल हूँ ।
बहुत गहरे पैठ कर लिखी है ये कविता आपने । हमें भी शामिल समझें प्रार्थना में ।
गीत मुझे बहुत प्यारा सा लगा
शेष बातें कल दुबारा पढने के बाद
जय हिंद
बढ़िया रचना!
यह कवि सम्मेलनो और गोष्ठियों दोनों में चलेगी नही, दौड़ेगी!
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