ज़िन्दगी इक इल्म है,
सुपर डुपर फ़िल्म है
देखूँगा,दिखलाऊंगा ....गीत ख़ुशी के गाऊंगा
ज़िन्दगी असहाय है,
व्यय अधिक कम आय है
फिर भी काम चलाऊंगा,गीत ख़ुशी के गाऊंगा
ज़िन्दगी इक कीर है,
सुख व दु:ख ज़ंजीर है
तोड़ इसे उड़ जाऊँगा...गीत ख़ुशी के गाऊंगा
ज़िन्दगी अभिषेक है,
मन्दिर- मस्जिद एक हैं
सब पर शीश झुकाऊंगा,गीत ख़ुशी के गाऊंगा
ज़िन्दगी शृंगार है,
दोस्ती है ..प्यार है ...
प्रेम के फूल खिलाऊंगा,गीत ख़ुशी के गाऊंगा
ज़िन्दगी अनमोल है,
मेरा जो भी रोल है
हँसते हुए निभाऊंगा , गीत ख़ुशी के गाऊंगा
ज़िन्दगी पहचान है,
सब उसकी सन्तान हैं
बात यही दोहराऊंगा , गीत ख़ुशी के गाऊंगा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
वाह .. कमाल की रचना है !!
अलबेला की एक और अलबेली रचना !
अलबेला की एक और अलबेली रचना !
जिन्दगी की परिभाषाए सुन्दर है
वाह बहुत खूब, यह वही रचना है मैं जानूं हूं जो आपके दिल से निकले है, जब ऐसी रचना निकले मैं रोमन लिखना चाहूं maien abala naara naahen Huon, पर लिख ना सकूं, अति सुन्दर अपनी मां को दिखाउंगा
बहुत बढिया
लेकिन ज़िन्दगी अगर अभिषेक है,तो फिर ऐश्वर्या क्या है?
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