आज महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में मतदान हो रहा है.............
यानी लोगों को एक और अवसर मिला है अपनी पसन्द की सरकार चुनने का ।
यह मौका खाली नहीं जाना चाहिए.........
आज मौका मिला है और सुनहरी मौका मिला है। मेरे भाई इस मौके को हम
चूकें नहीं, इस मौके को हम छोड़ें नहीं...बल्कि लपक लें, पकड़ लें और पूरा
फायदा उठाएं इस मौके का। क्योंकि आज ही का दिन हमारा है। आज ही
हमारा राज है और आज ही के दिन हम राजा हैं। इसलिए आज के दिन हमें
राजा की तरह निर्णय लेना है। न तो किसी लालच में आना है और न ही किसी
से डरना है। सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने देश का हित सोचना है तथा मां भारती
के आंसू पोंछने का प्रयास करना है।
लोग क्या कहते हैं, इस पर ध्यान मत दो। जात वाले, समाज वाले, जानवाले,
पहचान वाले, ये वाले, वो वाले सब आएंगे और अपनी-अपनी राय देंगे, लेकिन
सभी रायचन्दों को दरकिनार करते हुए सिर्फ़ अपने विवेक से काम लेना है।
क्योंकि वोट तुम्हारा है, तुम्हारी निजि सम्पत्ति है और अपनी निजि सम्पत्ति
किसी ऐरे-गैरे को नहीं दी जाती हमेशा उसे दी जाती है जो पात्र हो और सुपात्र
हो ताकि वह उस सम्पत्ती का सम्मान कर सके और उसकी रक्षा भी कर सके।
हमारा देश आज संकट के दौर से गुज़र रहा है। हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री मची है।
छोटे से लेकर बड़े तक व गुमनाम से लेकर मशहूर तक , सभी जन परेशान हैं
क्योंकि पिछले कई सालों से हमारी राजनीतिक व प्रशासनिक व्यवस्थायें
वैसी नहीं हैं जैसी होनी चाहिए और इसका एक मात्र कारण यह है कि सभी
सियासी लोग अपने-अपने स्वार्थ सिद्ध करने में और अपनों के घर भरने में
लगे हैं। पूरे प्रबन्धन में लूट मची है और जनता असहाय खड़ी देख रही है।
कुछ भी नहीं कर पा रही है।
आज......सिर्फ़ आज का दिन जनता का दिन है इसलिए उठो, और सम्हालो
अपने मुल्क़ को। बचालो, अब भी बचालो इस देश को। क्योंकि ये दुर्गति
इसलिए नहीं हुई कि अच्छे लोग चुनाव में खड़े नहीं हुए थे, बल्कि इसलिए
हुई है कि अच्छा-बुरा का भेद समझने वाले लोगों ने वोट ही नहीं दिया था।
अर्थात् अपराधी वो नहीं जिन्होंने गलत लोगों को चुना, अपराधी वो हैं
जिन्होंने सही व्यक्ति को नहीं चुना। इसलिए वोट दीजिए, .जरूर दीजिए।
बस छोड़नी पड़े तो छोड़ो, ट्रेन छोड़नी पड़े तो छोड़ो, पिकनिक, सिनेमा,
किट्टी-विट्टी, सब छोड़ो यहां तक कि आज ऑफिस, दुकान, फैक्ट्री, नौकरी
कुछ भी छोड़ना पड़े तो छोड़ो लेकिन वोट डालने का अवसर मत छोड़ो।
क्योंकि आज अगर वोट नहीं दिया तो बाद में सि़र्फ हाथ मलते रह जाओगे।
यदि भारत को बचाना है और देश में शान्ति पूर्ण व्यवस्था बनाये रखनी है
तो मेरे प्यारे पाठकों, मैं आप से करबद्ध निवेदन करता हूं कि मतदान
करने जाओ और इतनी श्रद्धा से जाओ जैसे मन्दिर में दर्शन करने जाते हो,
इतनी ख़ुशी से जाओ जैसे अपनी शादी में जाते हो और ऐसी मस्ती में
जाओ जैसे अपनी प्रेयसी से मिलने जाते हो।
जाओ भाई जाओ, जल्दी जाओ... भ्रष्ट तथा अवान्छित तत्वों पर चोट करो
और एक साफ सुथरी, मजबूत सरकार के लिए वोट करो।
यानी लोगों को एक और अवसर मिला है अपनी पसन्द की सरकार चुनने का ।
यह मौका खाली नहीं जाना चाहिए.........
आज मौका मिला है और सुनहरी मौका मिला है। मेरे भाई इस मौके को हम
चूकें नहीं, इस मौके को हम छोड़ें नहीं...बल्कि लपक लें, पकड़ लें और पूरा
फायदा उठाएं इस मौके का। क्योंकि आज ही का दिन हमारा है। आज ही
हमारा राज है और आज ही के दिन हम राजा हैं। इसलिए आज के दिन हमें
राजा की तरह निर्णय लेना है। न तो किसी लालच में आना है और न ही किसी
से डरना है। सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने देश का हित सोचना है तथा मां भारती
के आंसू पोंछने का प्रयास करना है।
लोग क्या कहते हैं, इस पर ध्यान मत दो। जात वाले, समाज वाले, जानवाले,
पहचान वाले, ये वाले, वो वाले सब आएंगे और अपनी-अपनी राय देंगे, लेकिन
सभी रायचन्दों को दरकिनार करते हुए सिर्फ़ अपने विवेक से काम लेना है।
क्योंकि वोट तुम्हारा है, तुम्हारी निजि सम्पत्ति है और अपनी निजि सम्पत्ति
किसी ऐरे-गैरे को नहीं दी जाती हमेशा उसे दी जाती है जो पात्र हो और सुपात्र
हो ताकि वह उस सम्पत्ती का सम्मान कर सके और उसकी रक्षा भी कर सके।
हमारा देश आज संकट के दौर से गुज़र रहा है। हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री मची है।
छोटे से लेकर बड़े तक व गुमनाम से लेकर मशहूर तक , सभी जन परेशान हैं
क्योंकि पिछले कई सालों से हमारी राजनीतिक व प्रशासनिक व्यवस्थायें
वैसी नहीं हैं जैसी होनी चाहिए और इसका एक मात्र कारण यह है कि सभी
सियासी लोग अपने-अपने स्वार्थ सिद्ध करने में और अपनों के घर भरने में
लगे हैं। पूरे प्रबन्धन में लूट मची है और जनता असहाय खड़ी देख रही है।
कुछ भी नहीं कर पा रही है।
आज......सिर्फ़ आज का दिन जनता का दिन है इसलिए उठो, और सम्हालो
अपने मुल्क़ को। बचालो, अब भी बचालो इस देश को। क्योंकि ये दुर्गति
इसलिए नहीं हुई कि अच्छे लोग चुनाव में खड़े नहीं हुए थे, बल्कि इसलिए
हुई है कि अच्छा-बुरा का भेद समझने वाले लोगों ने वोट ही नहीं दिया था।
अर्थात् अपराधी वो नहीं जिन्होंने गलत लोगों को चुना, अपराधी वो हैं
जिन्होंने सही व्यक्ति को नहीं चुना। इसलिए वोट दीजिए, .जरूर दीजिए।
बस छोड़नी पड़े तो छोड़ो, ट्रेन छोड़नी पड़े तो छोड़ो, पिकनिक, सिनेमा,
किट्टी-विट्टी, सब छोड़ो यहां तक कि आज ऑफिस, दुकान, फैक्ट्री, नौकरी
कुछ भी छोड़ना पड़े तो छोड़ो लेकिन वोट डालने का अवसर मत छोड़ो।
क्योंकि आज अगर वोट नहीं दिया तो बाद में सि़र्फ हाथ मलते रह जाओगे।
यदि भारत को बचाना है और देश में शान्ति पूर्ण व्यवस्था बनाये रखनी है
तो मेरे प्यारे पाठकों, मैं आप से करबद्ध निवेदन करता हूं कि मतदान
करने जाओ और इतनी श्रद्धा से जाओ जैसे मन्दिर में दर्शन करने जाते हो,
इतनी ख़ुशी से जाओ जैसे अपनी शादी में जाते हो और ऐसी मस्ती में
जाओ जैसे अपनी प्रेयसी से मिलने जाते हो।
जाओ भाई जाओ, जल्दी जाओ... भ्रष्ट तथा अवान्छित तत्वों पर चोट करो
और एक साफ सुथरी, मजबूत सरकार के लिए वोट करो।
7 comments:
बिलकुल सही कहा आपने...हमें हर हाल में मतदान करना चाहिए
बिल्कुल सही कहा आपने। सहमत हूँ आपसे मतदान जरुर करना चाहिए
बेटा इलेक्शन अवध में होता तो तेरा कहा ना टालता, अच्छा लिखते हो, लगे रहो, अवधिया चाचा का साया तुम पर बना रहेगा, बच्चों के पद चिन्ह पर चलते कल एक ब्लाग का प्रचार किया था आज फिर एक ब्लाग बनाया है, आपका वर्णन भी किया है 'धान के देश में' की प्रथम पोस्ट में, नर हो कि नारी सबसे निवेदन है कि जरूर पधारे 'धान के देश में'
http://dhankedeshmen.blogspot.com/
वोट देना हमारा अधिकार है और हमे इस अधिकार का उपयोग जरूर करना चाहिये
बहुत अच्छा लिखा आप ने , ओर हमे वोट भी जरुर देना चाहिये, लेकिन जब वोट देने जाये ओर सामने चोर, उचक्के, जेबकरते, डाकू ओर बदमाश खडे बेशर्मी से मुस्कुराते खडे हो तो आप किस को वोट दोगे??? कोई एक तो काम का नेता हो...
मनमोहन की बांसुरी भी सुन ली,
धन्यवाद
waah sir ji ! kya baat kahi hai !
aise hi thodi na hum "apne" desh ko kisi ke bhi haath me de sakte hain !
par apni problem aur hai... abhi 17 saal ki hoon... par vote dene ke liye mar rhai hoon !
jo vote de sakte hain... wo kyun nahi dete samajh nahi aata... very irresponsible !
:(
sab apni tarah kyun nahi sochte ?
सत्य वचन ....
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