प्यारे मित्रो !
अनेकानेक फोन और मेल के माध्यम से आपने जो अनमोल
सुझाव दिये उनका सम्मान करते हुए मैंने अब ब्लोगर सम्मान
2009 के लिए संवर्धित अन्तिम सूची बना ली है जो इस प्रकार है
1 ब्लोगर 2009 सम्मान
( रूपये 25 हज़ार , सम्मान-पत्र एवं शाल-श्रीफल )
10 नाम तो आप पहले पढ़ ही चुके हैं, 5 नाम और शामिल किये
गये हैं यानी अब आपको 10 में से नहीं, 15 में से एक नाम चुनना है ।
सम्मिलित 5 नाम हैं :
11 रूपसिंह चंदेल
12 रवीन्द्र प्रभात
13 डॉ कुमारेंद्रसिंह सैंगर
14 बी एस पाबला
15 ओम आर्य
2 टिप्पणीकार 2009 सम्मान
( रूपये 15 हज़ार, सम्मान-पत्र एवं शाल-श्रीफल )
इसमें भी 10 नाम आप पढ़ चुके हैं और 5 सम्मिलित नाम हैं :
11 महेन्द्र वर्मा
12 रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक'
13 दीपक भारतीय
14 महेन्द्र मिश्र
15 खुशदीप सहगल
3 post of the year 2009
( 15 हज़ार रूपये, सम्मान-पत्र एवं शाल-श्रीफल )
इस सम्मान के लिए प्रत्येक ब्लोगर पात्र है । अपनी सबसे उम्दा
रचना जो आपने गत वर्ष post की हो, का लिंक आप भेज सकते हैं
जो post सबसे उत्तम मानी जायेगी उसी को सम्मानित किया
जाएगा । रचना मौलिक होना लाज़िम है ।
लेकिन इसके लिए प्रविष्टियाँ अभी नहीं 10 जनवरी के बाद
आमंत्रित की जायेंगी । प्रविष्टि भेजने के लिए ब्लोगर का
तो देर किस बात की ?
अपने आप को तुरन्त रजिस्टर कीजिये और इस सार्थक
पहल को अपना समर्थन दे कर अधिकाधिक सफल बनायें ।
रजिस्ट्रेशन चालू है
वोटिंग आज शाम ठीक ८ बजे शुरू होगी
धन्यवाद
-अलबेला खत्री
5 comments:
हमने ऐसा क्या किया कि हमें भी इस लायक समझ लिया गया है? आप सभी का स्नेह है कि हम बराबर कुछ न कुछ लिखने का प्रयास कर रहे हैं.
आभार आप सभी का......
इस कार्य की सराहना करता हूँ।
मेरा नाम सम्मिलित करने के लिए आभार!
मेरी दो प्रविष्टियाँ स्वीकार करें… यदि नियम हो तो… :)
पहली है… http://sureshchiplunkar.blogspot.com/2009/08/swine-flue-roche-donald-rumsfeld.html
दूसरी है - http://sureshchiplunkar.blogspot.com/2009/08/why-indian-media-is-anti-hindutva.html
बहुत ही प्रशंसनीय प्रयास है!
नया वर्ष हो सबको शुभ!
जाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
स्वागत है संशोधन का
धन तो इस संशो में भी है
संशो (शक) की गुंजाईश कहीं नहीं
धन ही धन अपरंपार है।
वैसे कहा गया है कि
सब धन धूरि समान
पर इसमें जो धन स्वर्ण समान है
वो चाहना है
किसको अधिक चाहते हैं
बरबस चाहते हैं
और बस में बैठकर
पास आते हैं
बस में आना
बेबस होना नहीं है
बिना कार की कलाकारी है यह
एक उम्दा अदाकारी है यह।
बस में बैठने को तैयार
एक कार सवार
वोट देकर करना वार
इसे मत समझें प्रचार
क्योंकि इस प्रतियोगिता में
प्रचार की गुंजाइश नहीं है
और वोट भी आप
किसी को भी दे सकते हैं
पर वो किसी 15 - 15 में
होना चाहिये
नियम यही है
यही सही है।
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