संसार के दुखियों में
पहला दुखी निर्धन है,
उससे अधिक दुखी वह है
जिसे किसी का ऋण चुकाना हो।
इन दोनों से अधिक दुखी वह है
जो सदा रोगी रहता है
और सर्वाधिक दुखी वह है
जिसकी पत्नी दुष्ट हो ।
ऐसा मैंने नहीं
महात्मा विदुरजी ने कहा है
क्या उन्होंने भी सबसे बड़ा दुःख सहा है ?
ना भाई ना !
उनकी पत्नी तो बहुत महान थी
ममतावान, श्रद्धावान, भक्तिवान थी
वे तो उनके लिए कह रहे हैं
जो इस दुःख को सह रहे हैं
इससे ये सिद्ध होता है
कि हज़ारों साल पहले भी लोग
हैरान रहते थे
और शादी के बाद
परेशान रहते थे....हा हा हा हा
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माँ,बहन,पत्नी को दिखा दी गई है ।
उन्हें आपत्ति नहीं है
-अलबेला खत्री
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
भगवान ना करें फिर ऐसी दुख किसी के उपर आए...बढ़िया ज्ञान अलबेला जी धन्यवाद!!
ये जानकर आश्चर्य भी हुआ और तसल्ली भी हुई हमारी तरह हमारे पुरखे भी पत्नि पीड़ित थे
शादी वो लड्डू है जिस जो खाये वो पछताये और जो न खाये वो भी पछताये!
एकदम गलत, मैं सही कह रहा हूँ विस्वास न हो तो मुझे ही देखलो ! :)
प्रमाणपत्र बढ़िया है
बी एस पाबला
भाभी जी से मिल कर बताती हूँ।
अलबेला जी... क्या भाभी जी को आपके ब्लोग का एडरस मालूम है...
हा हा
ve bde saubhagya shali hain
jin ki dusht ghrvali hain
esi ptni hrek ko nhi milti hai
jin ko milti ahi is men
un ki kya glti hai
glti auro ki hai
jise vo jivn bhr bhugtata hai
ro ek tatha kthit achhi ptni ko trsta hai
vaise yh us ki mhan bhol hai
kyon ki ek achchhi ptni dhoondhna
bhut bhari bhool hai
ydi mil bhi gi
to bhut pchhtayenge
khin or aankh ldane se vnchit rh jayenge
dr/ vedvyathit@gmail.com
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