कल ब्लोगवाणी में मित्रों के आलेख और टिप्पणियां पढ़ते - पढ़ते
बाबा समीरानंद के रास्ते, रचना की एक टिप्पणी के ज़रिये मैं
"मसिजीवी" पर पहुँच गया जहाँ "चिट्ठाचर्चा" के स्वामित्व को
लेकर हंगामा मचा था और लोग पानी पी पी कर बी एस पाबला
को इसलिए कोस रहे थे क्योंकि उनके परिवारजन ने या उन्हींने
'चिट्ठाचर्चा' डोट कॉम का डोमेन अपने नाम लिया हुआ है ।
लोगों का गुस्सा देखा और ये फ़ालतू सा तर्क भी देखा कि चूँकि
चिट्ठाचर्चा पुराना है, पहले से चला आ रहा है इसलिए नैतिकता
के नाते पाबला जी को ये नाम नहीं लेना चाहिए था ।
इसका मतलब ये हुआ कि हज़ारों साल पहले दशरथ ने अपने पुत्र
का नाम राम रखा था तो अब किसीको भी नैतिकता के नाते वह
नाम नहीं रखना चाहिए..........हा हा हा हा
क्या फालतुगीरी चल रही है भाया !
ये कौनसी दुनिया से आये हुए लोग हैं जिन्हें इत्ती सी बात का भी
इल्म नहीं कि www के इस मेले में कोई भी आदमी किसी भी
दूकान से कोई भी खिलौना खरीद सकता है यदि वह पहले से
बिका हुआ नहीं हो तो...........और पाबला जी को वह खिलौना मिल
गया इसका मतलब साफ़ है कि किसी और को उसकी ज़रूरत ही
नहीं थी.........इसलिए बिका ही नहीं था । अब आपको वही नाम
चाहिए तो डोट कॉम के बजाय डोट नेट, डोट इन इत्यादि बहुत
से विकल्प होंगे ..ले लो
अगर चिट्ठाचर्चा डोट कॉम ही चाहिए तब भी आप पाबला जी से
बात कर लो और 10-20 हज़ार रुपये अतिरिक्त दे कर उनसे
प्राप्त कर लो । सिम्पल.........इसमें इत्ती भीड़ लगाने की ज़रूरत ही
कहाँ है ? ये तो बिजनेस का दौर है मेरे भाई ! इस हाथ दे, उस हाथ
ले............हा हा हा हा
लोगों ने यहाँ मेरे नाम के डोमेन, मेरे अपने नाम के डोमेन खरीद
रखे हैं ..मैं उनका कुछ नहीं उखाड़ पाया तो ..पाबला जी ने तो एक
कोमन नाम ही बुक कराया है , इसमें कानून क्या करेगा ?
हे माँ ! हे सरस्वती ! ज़रा समझ दे लोगों को ताकि वे ऐसी
चुगलखोरियाँ बन्द करके केवल अपने लेखन पर ही ध्यान दें
ताकि मुझे भी ऐसी फालतू पोस्ट दुबारा न लिखनी पड़े हालाँकि
मैं भली भान्ति जानता हूँ कि इस पोस्ट को उस पोस्ट से ज़्यादा
पाठक मिलेंगे जो मैंने कल देश हित में लिखी थी..हा हा हा हा हा
हा हा हा
जय माँ सरस्वती !
जन्मदिन की बधाई !
हालांकि पाबलाजी ने पोस्ट नहीं लगाईं
शायद उनको आपकी याद नहीं आई .......हा हा हा हा
www.albelakhatri.com
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
12 comments:
Albela ji,
aapki post ne aaj bikul hi saaf kar di hai...ab iske baad bhi koi ise geenjna chahta hai to uski buddhi par balihaari hi jaaungi..
bahut acchi lagi aapki baat..
saadar..
मसिजीवी जी दिल्ली विश्विद्यालय में रीडर/प्रोफ़ेसर हैं -उन्हें सब पता है
अब कोई आपके और पाबला के दर से नर लीला भी न करे
जिस ने भी चिट्ठा चर्चा डोमेन लिया है वह कभी तो उपयोग करेगा। तब पता लग जाएगा कि वह क्यों लिया गया है।
बस! इतनी सी बात और इतना हंगामा? और इसमे नैतिकता और अनैति्कता की बात कहाँ से आ गयी? पावला जी ने कोई चोरी-छिपे नही लिया है,बाकायदा "राजतंत्र" और "जिंदगी के मे्ले" पर लगभग डेढ माह पुर्व इसकी घोषणा की गयी है।
भैया हम तो समझे थे कि और कोई बात होगी।
आपने साफ़ कर दिया।
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
पता नही लोगो को क्यो दिक्कत होती है, आप पोस्ट का लिंख देते तो हम भी पढ आते अब कहां सर खपाये.
वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये
पाबला जी ने डोमेन लेकर कुछ भी गलत नहीं किया |
मुझे तो इस विवाद का आज आपकी पोस्ट से ही पता चला है उन चिट्ठाचर्चा वालों को हमने तो आजकल पढना ही बंद किया हुआ |
अलबेला भाई , कहते हैं कोई काहू में मगन तो कोई काहू में मगन । अपनी अपनी रुचि है ,उन्हें इसी में आती होगी । अदा जी बडे ही तार्किक तरीके से पूरी बात को स्पष्ट कर दिया था , फ़िर भी जाने क्यों कहा जा रहा है कि लिखा तो था पढा ही नहीं गया
अजय कुमार झा
chitthacharcha.blogspot.com एक मुफ्त में मिला सबडोमेन है जबकि chitthacharcha.com क्रय किया हुआ डोमेन, फिर इसमे इतनी हाय तौबा मचाने की क्या बात है?
बेवजह की बातें हैं...बातों का क्या!!
जिन लोगों को मामले की जड़ सम्झ नहीं आ रही eव इस लिंक को देखें http://masijeevi.blogspot.com/2010/01/blog-post.html
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना
देखो बेकार की बातों में
पाबला जी न बहना
आपसे पूरी तरह से सहमत हूँ।
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