नन्हें-नन्हें कन्धों पे हैं
बड़े-बड़े बस्ते लदे
बच्चों को ये महंगी पढ़ाई मार डालेगी
जाओगे सुनार की
दूकान पे तो यार
तार हो या हार,सोने की घड़ाई मार डालेगी
मण्डल के बण्डल से
बच निकले तो हमें
मन्दिर-ओ-मस्जिद की लड़ाई मार डालेगी
और रामजी ने इन
सब से बचा लिया तो
नग्न-मल्लिका की अंगड़ाई मार डालेगी






4 comments:
ha..ha..ha. bachke rahnaa re baba bachke rahnaa re...
बहुत अच्छे!
मल्लिका से भी बच निकले तो
हिन्दी ब्लोगिंग की ये सरखपाई मार डालेगी :-)
हमें तो आपकी कलम की चलाई मार डालेगी !!
बहुत बढिया
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