यदि आप बाज़ार की मन्दी के मारे हुए हैं
अथवा......किसी भी चुनाव में हारे हुए हैं
विद्युत की कटौती से तंग आए हुए हैं
या चन्दा मांगने वालों से घबराए हुए हैं
दोस्तों को उधार दे कर पछता रहे हैं
या वसूली वाले आपकी जान खा रहे हैं
बच्चों की फ़रमाइशों से बौखलाए हुए हैं
या पत्नी के प्रकोप से सताए हुए हैं
देश के बिगड़ते हालात पर हैरान हैं
या अपनी ही मूर्खताओं से परेशान हैं
तो रोइये मत .........
हँसिये
क्योंकि हँसाने के लिए
मैं हूँ ना.........
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
9 comments:
बहुत सुन्दर........आप तो है हीं......हा हा हा !!!!!
लगे रहो भाई जी |
बढिया कही आपने......
बढिया है।
( Treasurer-S. T. )
वाह क्या बात है अलबेला जी आप की बात बहुत सुंदर लगी.
धन्यवाद
बहुत बढिया जी.
रामराम.
वाह...!
बहुत बढ़िया।
कविता तो अच्छी है ही,
अन्त उससे भी अच्छा है।
बधाई!
लगे रहें...जमे रहें...डटे रहें
वाह खत्री जी ! कोई तो है जो महंगाई के इस दौर में रोने के समय हंसाने का जिम्मा लिए है |
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