हास्य कवि अलबेला खत्री का अभिनन्दन करती इस सुन्दर कन्या को देख कर आपको ऐसा नहीं लगता जैसे एक phool दूसरे fool का फूलों से स्वागत कर रहा हो...........आपको लगे न लगे पर N I O के हास्य कवि सम्मेलन के मंच पर बैठे बाकी कवियों को तो ऐसा ही लग रहा है..............हा हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
3 comments:
अब हम क्या कहे ...........?????
आप खुद सब कहे गए !!!!
हाँ बिल्कुल सही कहा है आपने! सिर्फ़ वहां पर बैठे कविओं का ये मानना नहीं है बल्कि मेरा भी ये कहना है कि एक फूल के हाथ से फूल दिया जा रहा है आपको! बहुत खूब!
पर हमारी निगाह तिरछी है
बन गई अब तो बरछी है
एक फूल के हाथ से
दूसरे फूल को
फूल क्यों दिया जा रहा है
अपनी तो समझ में
नहीं आ रहा है।
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