गफ़लत तो ख़ूब हो चुकी, अब होश कीजिए
जो भी मिला बहुत मिला, सन्तोष कीजिए
वो तो पलक झपकने से भी पहले आएगा
बशर्ते अपने आप को निर्दोष कीजिए
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
7 comments:
बहुत कम शब्दों में सटीक बात !
बशर्ते अपने आप को निर्दोष कीजिए।
काश सबकी ऐसी कोशिश हो। खूबसूरत भाव अलबेला भाई।
बहुत सही.
रामराम.
बहुत सुन्दर कहा आपने.
अलबेलाजी आपकी इसी जमीन पर हमारी ताज़ा ये पंक्तियाँ देखिए-
मरने से पहले हमको न ख़ामोश कीजिए.
कोशिश हमारे दुश्मनो पुरज़ोश कीजिए.
शूली पे मुस्कारा के चढ़ो वक्त आने पर,
इज़्ज़त को यूँ वतन की न नामोश कीजिए. डॉ.सुभाष भदौरिया.
बिल्कुल सही कहा जी!!!!
संतोष परम सुखम...
लेकिन संतोष किसे है आज के ज़माने में?...सभी तो निन्यानवे के फेर में लगे हुए हैँ
बढिया रचना
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