वो धूप में, दीये में, वो ही पूजा-पाठ में
वो सोमनाथ में, वो ही केदारनाथ में
किसकी तलाश में भटक रहे हो दर-ब-दर
वो रब तो हर घड़ी है हर बशर के साथ में
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
11 comments:
क्या खूब कही है | सत्य वचन |
बहुत खूब. क्या बात कही है.
वाह !! क्या खूब कही
sundar bhaw
wo hai mere pal pal mein
aur ek main hu
jo dhoondta hu use
kabhi madiro mein
kabhi shivaalo mein
-Sheena
अभी तक की सारी रचनाओं में से श्रेश्ठ आपकी रचना। बधाई।
मन्दिर तोड़ो, मज्जिद तोड़ो ,
इस में नहीं "वो" जाता है |
दिल मत तोड़ो किसका बन्दे ,
यह घर खास "खुदा" का है ||
लाजवाब्! उम्दा!!!
श्रेष्ठ रचना!!!
बहुत सुन्दर रचना.......कण कण मे है वही जिसे हम ढूंढते है....
बहुत खूब...।
so good .....
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