चादर ये मुहब्बत की है झाड़ी न जायेगी
ये गाड़ी है अगाड़ी , पिछाड़ी न जायेगी
तूने तो इस जिगर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए
हमसे तो तेरी फोटो भी फाड़ी न जायेगी
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
बहुत् खूबल्बेली सी है आपकी ये रचना बधाई
संभाल के रखिये जनाव , बहुत बढिया शेर है !
बहुत खुब एक और लाजवाब प्रस्तुती। बहुत-बहुत बधाई
फोटो तो हमने फाड़ दी , पर तस्वीर उसकी दिल से निकली न जायेगी |
तोडने-फ़ोडने,फ़ाडने का काम बचपन मे खूब किया है अलबेलाजी खूब मार पडी है सो अब तो हमसे भी नही होगा किसी की भी फ़ोटो फ़ाडना,चाहे मुहब्ब की हो या ना की हो।
वाह ! क्या खूब कहा है !
:)
बढ़िया
अलबेला जी...मेरा शक कुछ-कुछ विश्वास में बदल रहा है... :-)
सर्दी ...खाँसी ना मलेरिया हुआ...
मैँ गया यारो...मुझको लवेरिया हुआ ..
हाँ...लवेरिया हुआ
वैसे...आपका शेर बढिया है
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