Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

कहाँ से कहाँ आ गए हम ?

समय बदलता है

तो लोगों की बात-चीत का सन्दर्भ भी बदल जाता है


मैं जब छोटा सा था तो चर्चा के विषय होते थे :

धर्म

कर्म

मर्म

शर्म इत्यादि



मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो वार्ता के बिन्दु होते :

जवान

किसान

विज्ञान

दुकान

मकान वगैरह



मैं थोड़ा और बड़ा हुआ तो बात-चीत के सन्दर्भ होते :

समाजवाद

पूंजीवाद

राष्ट्रवाद

उग्रवाद

आतंकवाद

नक्सलवाद

और

वाद विवाद



कुछ और बड़ा हुआ मैं तो बातें होने लगीं :

टैक्स की

फैक्स की

वैक्स की

सेक्स की

और

सेंसेक्स की



आजकल चर्चा के प्रसंग हैं :

रैंगिंग

गैंगिंग

हैंगिंग

और

समलैंगिंग



कभी-कभी डरता हूँ ....

और बड़ा होऊं कि होऊं ?

पता नहीं आने वाला कल किस विषय पर चर्चा करेगा ?



फिर सोचता हूँ ...इतना सब देखा और झेला है

तो आगे भी देख लेंगे ...

अपन कोई डरते हैं क्या .......हा हा हा हा हा हा हा हा हा




9 comments:

अविनाश वाचस्पति July 7, 2009 at 5:16 PM  

भूल गए अलबेला जी

ब्‍लॉगिंग

पोस्टिंग

टिप्‍पणिंग

पसंदीग

इन सबकी मनपसंद रिंग
झन झनन झन झनन झनन झनन ........

M VERMA July 7, 2009 at 6:40 PM  

और बडे होने से क्यो डर रहे हो भाई

Shruti July 7, 2009 at 7:17 PM  

naye naye topic milna jaruri hai bhai nahi to ek hi topic par baat karte karte bore ho jayenge na..

Udan Tashtari July 7, 2009 at 8:08 PM  

डरना काहे क्या..जब जब जो जो होगा..देखा जायेगा. :)

ताऊ रामपुरिया July 7, 2009 at 8:40 PM  

अपन कोई डरते हैं क्या .......हा हा हा हा हा हा हा हा हा

बहुत सही कहा. शुभकामनाएं.

रामराम.

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: July 7, 2009 at 9:01 PM  

नेट प्रेस . कॉम पर ''धार्मिकता और साम्प्रदायिकता में अंतर '' पर कमेन्ट के लिए धन्यवाद |
आप का ब्लॉग का रंग समायोजन मन को बहुत उत्साह देता है आप के युग प्रश्न के छींटें भिगो गए , आप के यक्ष प्रश्न का उतर यहाँ देने का प्रयत्न किया है | देख कर बताएं कि मैं युधिष्ठिर की श्रेणी में आपाया अथवा सहदेव से ले भीम तक के किसी स्तर पर ही अटक गया ?
" स्वाइन - फ्लू और समलैंगिकता [पुरूष] के बहाने से "

ओम आर्य July 7, 2009 at 9:06 PM  

ha ha ha ha ha ha ha ha ...........our kya baat hai

हरकीरत ' हीर' July 7, 2009 at 10:25 PM  

कभी-कभी डरता हूँ ....

और बड़ा होऊं कि न होऊं ?

पता नहीं आने वाला कल किस विषय पर चर्चा करेगा ?

चर्चाएँ तो खूब की आपने ....हमें भी इंतजार है आने वाला समय किस बात की चर्चा लेकर आता है ....!

Murari Pareek July 8, 2009 at 12:34 PM  

ha..ha.... haa
बहुत ख़ास रचना हंसी से लोट पोट कर दिया आपने !! बड़े होते रहिये तभी तो आप हमें बताते रहेंगे चर्चा के विषय !!

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive