लोगों के घर लूट रहे हैं अपने घर लुटवा के लोग
जाने कब ओले पड़ जाएँ बैठे सर घुटवा के लोग
तब भी इनको चैन नहीं था अब भी इनको चैन नहीं
दीवारों से झाँक रहे हैं दीवारें उठवा के लोग ......................
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
11 comments:
waah,
albela ji..badhayi kataksh aaj ke pariwesh par
sundar rachana
badhayi ho!!!
sahi hai apnaa nukshaan karke log dusron kaa nuksaan karte rahte hain!
bahut hi badhiya
laajbaab
aabhar
om arya
bahut achcha...lekin
घुटवा hai ya mudwa samajh mein nahi aaya
क्या कहें प्रभु.....ज़माना खराब है.....
साभार
प्रशान्त कुमार (काव्यांश)
हमसफ़र यादों का.......
क्या बात कही है...
कम्बख्त नहीं है चैन!!!
बहुत सही कहा.
रामराम.
अजीब विडम्बना है यह
वाह..
Gazab aaina dikha diya..!
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bahut hi badhiya...
laajbaab...
bemisaal...
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