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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

आइये आइये रचनाजी, अब तक आप कहाँ थीं ?

आइये आइये रचनाजी, आइये............

आपका स्वागत है


आपका स्वागत है तो आपके झूठ का भी स्वागत है


देखिये .....

आपके स्वागत के लिए मैंने रास्ता साफ़ कर दिया है

वे तमाम पोस्ट और शब्द मैंने हटा लिए हैं जिन पर आपको

अथवा किसी भी सभ्य नारी-पुरूष को आपत्ति हो सकती थी

और हुई भी ....औरों की छोड़ो, स्वयं मुझे बहुत आपत्ति थी

लेकिन अफ़सोस ! कि गन्दगी साफ़ करने के लिए हाथ गन्दे

करने के अलावा कोई उपाय भी तो नहीं था मेरे पास ....


रचनाजी,

एक कुत्ता भी जब बैठता है तो अपनी दुम से वहाँ की जगह

साफ़ करके बैठता है............ फ़िर मैं

हाँजी मैं !

माँ सरस्वती का आराधक

शब्द-ब्रह्म का साधक

कवि अलबेला खत्री

ऐसी जगह कैसे बैठ जाता ...

जहाँ कुछेक लेखिकाओं अथवा तथाकथित लेखिकाओं ने

भरपूर कचरा फैला रखा था...........

बात समझ में आई ?

शायद नहीं आई होगी

क्योंकि जिसे आँखों से दिखाई नहीं देता ,

उसे चश्मा भला क्या दिखा सकता है !


खैर.........आज अगर समय निकाला है तो एक मेहरबानी

और भी करनामैं पिछले तीन महीने से ब्लोगिंग की इस

दुनिया में सक्रिय हूँ और इस दौरान 353 रचनायें मैंने पोस्ट की हैं

जिन में अधिकाँश पोस्ट मैंने नारी के सम्मान में ही लिखी हैं

बल्कि ऐसी लिखी हैं कि पढ़ोगी तो आँखें फटी की फटी रह जायेंगी



जिस व्यक्ति ने कभी एक शब्द भी बिना सोचे बोला हो, जो अभद्र

शब्द लिख ही नहीं सकता ...आख़िर क्यों मजबूर हुआ वह

अश्लील शब्द लिखने के लिए ...इस पर विचार करना



नारी हो कर नहीं, नारीत्व की ध्वजवाहिका बन कर नहीं बल्कि

रचना बन कर .............क्योंकि मैंने वे आलेख पुरूष के रूप में

नहीं बल्कि अलबेला खत्री के रूप में लिखे थे


चलो छोड़ो .........जाने दो.........

मेरी कवितायें पढ़ने के लिए और समझने के लिए तो एक

मानसिक, आत्मिक, आध्यात्मिक और साहित्यिक स्तर की

ज़रूरत पड़ेगी इसलिए सरल काम कीजिये .....छम्मकछल्लो

नाम की कोई लेखिका है उसके पिछले कुछ लेख पढ़ लो ,

इसी से मिलते जुलते कुछ और ब्लौगर लेखिकाओं को पढ़ लो,

यदि वे सब शब्द जिन पर आपको गहरी आपत्ति है, वहाँ मिले

तो मुझे जो चाहे कह देना ........लेकिन ये सारे शब्द और भी

घिनौने रूप में आपको वहाँ मिल जाएँ तो मन ही मन मुझसे

माफ़ी मांग लेना ...माँ शारदा आपका भला करे...........


जय हो !



खाना लग चुका है और एक नारी चाहती है कि पहले मैं भोजन

कर लूँ ........इसलिए कर ही लेता हूँ

शेष ब्रेक के बाद............................











5 comments:

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) July 29, 2009 at 11:38 PM  

mitr hahahahahh bhut achhi tarah se samajaya hai
mai bhi samajh gaya
saadar
praveen pathik
9971969084

सुरेश शर्मा . कार्टूनिस्ट July 30, 2009 at 1:35 AM  

mamla kya hai? ye mai samajh nahin paa raha hoon, han, mera ek wishwash jaroor hai ki albela khatri dil aur dimag se kabhi galat ho hi nahi sakta, sabki apni-apni soch hai,meri soch albelaji ke liye sakratmak hai aur hamesha rahegi, abhi,ek do din pahle ek mahila ne apne blog par sex ke bare me khulkar aise-aise sabdon ka istemal kiya ki shayad poorush bhi nahi kar paate, aur usi blog ki wah wahi me mardon ne tippni ki barsat kar dali,us samay kahan the khatriji par ungli uthane wale..?

Unknown July 30, 2009 at 1:47 AM  

AAPKA HAARDIK DHNYAVAADI HOON SURESHJI !
AAPKA HAARDIK AABHAARI HOON PRAVEENJI !

MERI JAAN ME JAAN AAYI BHAI ......

KOI TO HAI JO SACH K SAATH KHADA HONE KI HIMMAT RAKHTAA HAI !

ARE YAAR HALVAA KHANE SE DAANT TOOTENGE TOH TOOTENGE HI, HAVAN KARTE BHI HAATH JALTE HAIN TOH JALENGE HI LEKIN JO ANAACHAAR HO RAHAA HAI
HAMAARE SAATH, HAMAARE SAMAY KE SAATH USE TOH BAND KARAANA HI HOGA ...VARNA YE BLOG JAGAT JISE HUM ITNAA PYAAR KARTE HAIN ..GART ME JAANE KI RAAH PAR HOGA

JAAGO !
JAAGO !
__________SAWAAL MERA NAHIN
SAWAAL HINDI KI ASMITA KA HAI

-ALBELA KHATRI

सुरेश शर्मा . कार्टूनिस्ट July 30, 2009 at 2:13 AM  

jo rah chuni tune..us rah pe rahi chalte jana re..chahe kitni bhi lambi ho raat..diya phir bhi jalte jana re..us rah pe rahi chalte jana re...har kadam, aapke saath.

jayram July 30, 2009 at 2:57 PM  

abela jee sahi kaha "kutta bhi gandgi saaf kar baithta hai "

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