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Albela Khatri

शो मस्ट गो ऑन !

अभी अभी जिन अनामी सज्जन ने मुझे इस बात के लिए कोसा है कि मुझे इसलिए शर्म आनी चाहिए कि आज एक कवि की मौत हुई है और मैं घटिया चुटकुले सुना रहा हूँ वो भी सम्मानित महिलाओं को लेकर ......
मैं उन्हें बड़ी विनम्रता से कहना चाहता हूँ कि भाई ......................

@ मरने वाले कवि का मुझे कितना दुःख है ...इसका अन्दाज़ा तुम नहीं लगा सकते .......मैं पिछले २८ साल से कविता के क्षेत्र में हूँ ..और भाई ॐ जब कवि -सम्मलेन में नहीं आए थे तब से मेरे मित्र हैं । उनका उदय भी देखा है मैंने और अफ़सोस ! कि अस्त भी देखा है .....रही बात घटिया चुटकुले सुनाने की तो भाई, मुझे तो इस में कोई घटियापण नज़र नहीं आया, अगर तुम्हे आ रहा हो तो बताओ....इसमे घटिया क्या है ? अरे भले आदमी या औरत अथवा शिखंडी ! तुम जो भी हो, मैं यहाँ अपना टाइम पास नहीं कर रहा हूँ ..बल्कि इस बोझिल माहौल को थोड़ा हल्का कर रहा हूँ ताकि हम जी सकें ...................

@ मेरा बस चले तो मैं भाई ओमजी की स्मृति में आज की रात हास्य कवि सम्मलेन कर डालूं ..क्योंकि ॐ कोई सूमडा नहीं था ..वह देश का एक जाना माना हास्यकवि था जिसने जीवन भर लोगों को हसाया उसकी मौत पर यदि मैं चार चुटकुलों के ज़रिये ४० लोगों को हँसा दूँ तो ये भी मेरी विनम्र श्रद्धांजलि होगी ....मुझे याद है जिस शाम हमने शरद जोशी का अन्तिम संस्कार किया था उस रात बिना स्नान किए मुंबई के बिरला मातुश्री में लोगों को खूब हँसाया था ..वहाँ मैं अकेला नहीं था ..मेरे साथ सुरेन्द्र शर्मा, आस कारण अटल, प्रदीप चौबे, श्याम ज्वालामुखी इत्यादि भी थे ............और तो और ह्यस्य सम्राट काका हाथरसी की जब तक चिता जलती रही वहाँ शमशान में भी हास्य कवि सम्मेलन होता रहा...............प्यारे बेनामी, show must go on !

@ रही बात महिलाओं की तो ...मैंने कोई अभद्र बात नहीं की है । फ़िर भी किसी को बुरा लगा तो मैं क्षमायाचना सहित इस पोस्ट को हटा भी लूँगा ..........मैं इस ब्लोगिंग परिवार का सबसे छोटा यानी नया सदस्य हूँ ..मुझे लोग जानते नहीं हैं ..इसलिए ज़रा जान पहचान करने के लिए किसी का नाम लेने में बुराई होती तो मैं ख़ुद नहीं लेता ..........ये एक हास्य कवि का बात करने का अन्दाज़ होता है यदि तुम इतना भी नहीं समझ सकते तोप्यारे ज़िन्दगी भर बेनामी बने ही घूमते रहोगे ...........

कृपया टिपण्णी करने से पहले अगली बार सोचना कि क्या लिख रहे हो ? किसको लिख रहे हो और क्यों लिख रहे हो ?

सदैव विनम्र ,
-अलबेला खत्री

13 comments:

राज भाटिय़ा July 8, 2009 at 5:53 PM  

अलबेला जी आप को कुछ हटाने की जरुरत नही, मेने आप का चुटकला भी पढा ओर सारे कांमेट भी आप ने कही भी मर्यादा की सीमा नही लांघी, ओर यह अनामी मोहदय की टिपण्णी भी ना हटाये, क्योकि यह टिपण्णि बहुत कुछ कह रही है, अगर आप ध्यान से इसे पढे तो यह टिपण्णी अन्य लोगो को भडकाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब ब्ल्लंगिग मै लोग समझदार हो गये है ओर ऎसी ओछी टिफण्णियो पर कोई गोर नही करता,
अगर इन्हे कोई बात बुरी लगी तो अपने नाम से आये, लेकिन एक बार नाम से आये तो इन्हे कितनो की ??? मिलेगी, इस लिये आप मस्त रहे.

Ashish Khandelwal July 8, 2009 at 6:22 PM  

नहीं जी, आपको कुछ हटाने की जरूरत नहीं.. शो मस्ट गो ऑन

Unknown July 8, 2009 at 6:34 PM  

AAPKA HAARDIK DHNYAVAAD RAAJ BHATIYAJI,

AAPKE IS SANDESH SE MUJHE BAL MILA HAI.....
MAINH JAANTA HOON KI MAINE KUCHH AISAA NAHIN LIKHA KI SHARMINDA HONA PADE ..FIR BHI MUJHE INTEZAR RAHEGA..NIRMLAJI, ADAJI,HARKIRATJI AUR SHEFALIJI KE SANDESH KA

THANK YOU SO MUCH
-ALBELA KHATRI

Shruti July 8, 2009 at 7:23 PM  

aapka wo post maine bhi pada hai.us mein mujhe bhi kisi mahila ke liye koi bure vichaar ya shabd nazar nahi aaye.aapko wo post hatane ki jarurat nahi hai..baki logo ko apni soch ka dayera badane ki jarurat hai aur sath mein apna nazariya badalne ki bhi..

ताऊ रामपुरिया July 8, 2009 at 8:03 PM  

कुछ मत हटाइये. कुछ कुंठित और लुंठित यहां पहले से जमे हुये हैं और बिना कुछ किये सरदारी चाहते हैं तो अब इस तरह की ओछी हरकतों पर उतर आये हैं. आप बेफ़िक्र रहिये और हमारा लठ साथ मे रखिये, इनके इलाज की जरुरत मे यह काम आयेगा.

रामराम.

Udan Tashtari July 8, 2009 at 8:54 PM  

जरुर!! शो मस्ट गो ऑन-यही जाने वाले को सच्ची श्रृद्धांजलि होती है.

Murari Pareek July 9, 2009 at 12:31 PM  

अरे अलबेला जी, ये कोई जल्क्कड़ है!! हाथी चलता है तो कुछ तो.......गेही !! आपने कोई गलत बात नहीं की | ऐसे लोग अपना ध्यान आकर्सन करवाने के लिए छिछोरी हरक़त करते हैं!!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून July 9, 2009 at 1:05 PM  

सही बात है आपकी ...शो मस्ट गो ऑन.

दिगम्बर नासवा July 9, 2009 at 4:09 PM  

Asee baaton ko dhyaan nahi denaa chahiye....... bolne valon ko bolne de..aap apnaa kaam karte rhen

ABHAY CHATURVEDI July 9, 2009 at 5:16 PM  

Lazbab hei apka andaz.......

स्वप्न मञ्जूषा July 9, 2009 at 6:14 PM  

अलबेला जी,
क्षमा चाहूंगी, मैं थोडी देर से आयीं हूँ दरअसल मैंने यह पढ़ा ही नहीं था, मुझे बुरा लग रहा है की आपको प्रतीक्षा करनी पड़ी, मुझे आपके चुटकुले में पार्ट अदा करके बिलकुल बुरा नहीं लगा, मर्यादित तरीके से थोडी बहुत नो-झोंक ना हो तो जीवन बहुत ही शुष्क हो जायेगा, आपने कहीं, कभी भी कोई ऐसी कोई बात मुझसे नहीं की जिसके कारण मेरे मन को ठेस पहुंचा हो, आपने तो हमेशा मेरा संबल बढाया है, आज से तीन महीने पहले जब मैंने अपना अदना सा ब्लॉग बनाया था आपने ही हिम्मत बंधाई थी, मैं कैसे भूल सकती हूँ, इसलिए आप बे-फ़िक्र रहें... हमेशा की तरह....

शेफाली पाण्डे July 9, 2009 at 11:47 PM  

yes i agree....the show must go on.....

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif August 6, 2009 at 10:42 AM  

जो भी बात फ़ो शालीनता के दायरे मे होनी चाहिये....

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