कहना मत किसी से ......एक राज़ की बात बता रहा हूँ ।
ताऊ रामपुरिया ने मूड में आ कर अपनी एक परिचित हसीना
से कहा - प्रिये, मैं तुम्हारी ज़ुल्फ़ों से खेलना चाहता हूँ ।
हसीना को दया आ गई ।
उसने अपनी विग उतार कर ताऊ के
हाथ में पकड़ा दी ।
बोली - ले ताऊ, खेलता बैठ ,
शाम नै वापिस कर दियो ............. हा हा हा हा हा हा
___________300th post_____हा हा हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
5 comments:
खेल लियो ताउजी जी भर के जुल्फां स्यूं जी भर जाये तो लौटा दियो!! हा..हा.. मजा आ गया !!!
अरे वो वाली बिंग ताऊ ने राम प्यारी को पहना दी...
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भाटिया जी आप मेरी सब जगह पोल क्युं खोल देते हो? ये अच्छी बात नही है (स्टाईल अटलजी):)
रामराम.
मजेदार. ताऊ भी अटका.
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