एक गीत
हमारे राष्ट्र -ध्वज
तिरंगे की ओर से
अमर बलिदानियों के नाम
आज तिरंगे के तीनों रंग देते ये आवाज़ हैं
हिन्द की ख़ातिर मिटने वालो
हमको तुम पर नाज़ है
मातृभूमि के लाड़ले बेटो, आपकी क़ुरबानियां
राह दिखाएंगी नसलों को बन कर अमर कहानियां
आपके दम पर आज सलामत भारत मॉं की लाज है
हिन्द की ख़ातिर मिटने वालो
हमको तुम पर नाज़ है
ना परवाह की भूख की तुमने, ना परवाह की प्यास की
परवाह की तो सिर्फ़ बटालिक, कारगिल की और द्रास की
विजय पताका फहराने का आप ही के सर ताज है
हिन्द की ख़ातिर मिटने वालो
हमको तुम पर नाज़ है
मारते-मारते मरे बहाद्दुर, मरते-मरते मार गए
जब तक सांस रही जूझे वो, बस फिर स्वर्ग सिधार गए
दूध का कर्ज़ चुका देने का ये भी इक अन्दाज़ है
हिन्द की ख़ातिर मिटने वालो
हमको तुम पर नाज़ है
है हमको सौगन्ध तुम्हारी पावन-पावन राख की
हस्ती मिटा कर रख देंगे, अपने दुश्मन नापाक की
प्यार से जब न बात बने तो वार ही सिर्फ़ इलाज है
हिन्द की ख़ातिर मिटने वालो
हमको तुम पर नाज़ है
8 comments:
शहीदो को शत शत नमन जो वतन पर मर मिटे ।
हमको तुम पर नाज़ है।
MANAN है देश के amar VEERON को JINHONE अपनी जान दे कर हा सब का MASTAK OONCHAA RAKKHA
शहीदो को शत शत नमन
अमर शहीदों को नमन.
बहुत सुन्दर किसी अच्छे गायक द्वारा गला बख्श दिया जाये तो "ऐ मेरे वतन के लोगों " की तरह भावनात्मक हो जाता !!!
देशभक्ति से ओतप्रोत प्रभावी कविता
वीर शहीदों को हार्दिक नमन.
रामराम.
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति के साथ आपने ये कविता लिखा है ! सभी शहीदों को मैं श्रधांजलि अर्पित करती हूँ !
Post a Comment