क्रान्ति की मशाल तुम
वीर बेमिसाल तुम
चोले पे बसन्ती तेरे खून के निशान थे
आज़ादी के सूरज का
पावन प्रकाश तुम
गुलामी के खेमे पर टूटते तूफ़ान थे
जहाँ भी रहोगे वीर,
आज़ाद रहोगे तुम
नित्य ही गुलाब बरसेंगे आसमान से
फाँसी के समय भी बोले
इंक़लाब-ज़िन्दाबाद
देश के शहीद तुम सबसे महान थे
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
3 comments:
बहुत खूब
इंक़लाब-ज़िन्दाबाद
इंक़लाब-ज़िन्दाबाद |
बहुत बढिया, शुभकामनाएं.
रामराम.
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