आज 31 जुलाई ....पुण्य तिथि पर विशेष रचना
-----------------
नहीं हमेशा रहेगा सूरज
नहीं हमेशा चाँद रहेगा
लेकिन रहते जहां तलक़
फ़नकार! तू सबको याद रहेगा
जब भी मोहब्बत करवट लेगी, जब भी जवानी आएगी
जब भी समन्दर के साहिल पर शाम सुहानी आएगी
उफ़क़ पे ढ़लते आफ़ताब की जब-जब सुर्ख़ी फैलेगी
इश्क़ के दरिया की मौजों पर और रवानी आएगी
जब भी दो दिल मचल उठेंगे, बेख़ुद-मस्त बहारों में
दहर की त्वारीख़ों में लिखी इक और कहानी जाएगी
उस बेख़ुद-मदहोश घड़ी में
कौन किसी को याद रहेगा
लेकिन रहते जहां तलक़
फ़नकार! तू सबको याद रहेगा
हुस्न की क़ातिल फ़ितरत जब-जब सरे-राह उरियां होगी
इश्क़ के मुंह से एक नहीं, लाखों फ़रियादें बयां होंगी
जब कोई दिल टूटेगा, बेवफ़ा हुस्न की चाहत में
जब भी किसी आशिक के दिल की धड़कन सोज़े-निहां होंगी
उथल-पुथल जब मचेगी दिल में हिज्र का आलम छाएगा
बाहर हवा चलेगी लेकिन दिल में आग जवां होगी
बेशक टूट पड़ेंगे तारे
जब वह दिल नाशाद रहेगा
लेकिन रहते जहां तलक़
फ़नकार! तू सबको याद रहेगा
_________विनम्र श्रद्धान्जलि स्वर व सुरों के सच्चे सम्राट को........................
__________________अलबेला खत्री
-----------------
नहीं हमेशा रहेगा सूरज
नहीं हमेशा चाँद रहेगा
लेकिन रहते जहां तलक़
फ़नकार! तू सबको याद रहेगा
जब भी मोहब्बत करवट लेगी, जब भी जवानी आएगी
जब भी समन्दर के साहिल पर शाम सुहानी आएगी
उफ़क़ पे ढ़लते आफ़ताब की जब-जब सुर्ख़ी फैलेगी
इश्क़ के दरिया की मौजों पर और रवानी आएगी
जब भी दो दिल मचल उठेंगे, बेख़ुद-मस्त बहारों में
दहर की त्वारीख़ों में लिखी इक और कहानी जाएगी
उस बेख़ुद-मदहोश घड़ी में
कौन किसी को याद रहेगा
लेकिन रहते जहां तलक़
फ़नकार! तू सबको याद रहेगा
हुस्न की क़ातिल फ़ितरत जब-जब सरे-राह उरियां होगी
इश्क़ के मुंह से एक नहीं, लाखों फ़रियादें बयां होंगी
जब कोई दिल टूटेगा, बेवफ़ा हुस्न की चाहत में
जब भी किसी आशिक के दिल की धड़कन सोज़े-निहां होंगी
उथल-पुथल जब मचेगी दिल में हिज्र का आलम छाएगा
बाहर हवा चलेगी लेकिन दिल में आग जवां होगी
बेशक टूट पड़ेंगे तारे
जब वह दिल नाशाद रहेगा
लेकिन रहते जहां तलक़
फ़नकार! तू सबको याद रहेगा
_________विनम्र श्रद्धान्जलि स्वर व सुरों के सच्चे सम्राट को........................
__________________अलबेला खत्री
3 comments:
हुस्न की क़ातिल फ़ितरत जब-जब सरे-राह उरियां होगी
इश्क़ के मुंह से एक नहीं, लाखों फ़रियादें बयां होंगी
जब कोई दिल टूटेगा, बेवफ़ा हुस्न की चाहत में
जब भी किसी आशिक के दिल की धड़कन सोज़े-निहां होंगी
उथल-पुथल जब मचेगी दिल में हिज्र का आलम छाएगा
बाहर हवा चलेगी लेकिन दिल में आग जवां होगी
बहुत ही सुन्दर रफी साहब जैसा शायद ही कोई होगा !!
Na fankaar aisa phir duniya mein aayega
Mohd Rafi tu bahut yaad aayega
-Sheena
Mohammed Rafi sahab Insaan nahin balke Mohabbat ke devta the, Insaniyat ke alambardar the farishta the. Aisi Shakhsiyat ko Hazaaron Salam!
Ahtesham ul haque Marothi, Announcer AIR Nagaur Rajasthan
Post a Comment