कपड़े पे मला हुआ
कलफ़ है आदमी तो
चुभे हुए कांच की तड़फ भी है आदमी
सावन में विरह की
पीर है ये आदमी तो
अँखियों में चुभता सा तीर भी है आदमी
साँसों में सुलगती सी
आग है ये आदमी तो
दामन में लगा हुआ दाग़ भी है आदमी
ज़िन्दगी में नित नया
पाप है ये आदमी तो
काटने में कोबरा का बाप भी है आदमी
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
2 comments:
बहुत सही कहा आपने.
रामराम.
बहुत ही सुन्दर लेने हैं |
आप तो आदमियों के पीछे नहा धो के पावडर करीम लगा पड़ गए ! औरतें भी कम नहीं है ! हा.. हा... हा..
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