Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

मेरे पांवों के नीचे धरती थी जब

अपने घर से बाहर क्योंकर देखूं अब

मेरे कद से ऊँची हैं दीवारें सब

मैं भी सर को ऊँचा कर के चलता था

मेरे पांवों के नीचे धरती थी जब

5 comments:

श्यामल सुमन July 13, 2009 at 9:26 AM  

चलिए कम से कम जमीन तो पाँव के नीचे बची है। खूबसूरत भाव।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

राजीव तनेजा July 13, 2009 at 10:03 AM  

पते की बात

Murari Pareek July 13, 2009 at 11:31 AM  

वाह ऐसे पता चलता है ऊंट को भी जब वो पहाड़ के नीचे आता है !!

ताऊ रामपुरिया July 13, 2009 at 3:17 PM  

सही कहा.

रामराम.

ओम आर्य July 13, 2009 at 4:48 PM  

sahi kaha hai aapne .......har samay jindgi ka bhoogol badalta rahata hai .....sundar

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive