यों तो सारे स्वर मधुर लगते हैं लेकिन
आरती - अज़ान सा कोई नहीं
आरती - अज़ान सा कोई नहीं
यों तो हर एक मुल्क़ की इक शान लेकिन
अपने हिन्दुस्तान सा कोई नहीं
धन्य है यह भूमि जिस पर सूरमे पैदा हुए
गर्व है उन पर जो अपने मुल्क़ पर शैदा हुए
अमर बलिदानों का अभिनन्दन करें
आओ इस माटी का हम वन्दन करें
kargil- draas aur battalik me hat hue soorma sipaahiyon ko salaam !
7 comments:
Bahut achchha likha. Dhanyawaad
mahesh
http://popularindia.blogspot.com/
भारत माता की जय।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत बढ़िया अलबेला जी! वन्देमारतरम्!
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1. विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
2. चाँद, बादल और शाम
अमर बलिदानों का अभिनन्दन करें
आओ इस माटी का हम वन्दन करें
इस माती के लिये हमारी वन्दना भी स्वीकार करें बहुत सुन्दर रचना है बधाई
लाज़वाब॥ सुंदर॥
बहुत सुंदर.
रामराम.
भारत माता की जय !!!!!
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