कल ताऊ रामपुरियाजी ने अपने समीरलाल जी के बारे में
एक ऐसी बात बताई जिससे मुझे हँसी तो बहुत आई
पर भरोसा नहीं हुआ कि क्या ऐसा भी हो सकता है ?
आइये लाल साहेब से ही पूछते हैं कि
ये सच है या अफ़वाह ?
ताउजी ने बताया कि समीरलालजी ने रात के दो बजे
बियर बार के मालिक को फोन किया
- क्यों भाई तुम्हारा ये बार कब खुलेगा ?
बार वाला बोला - सुबह नौ बजे
फ़िर थोड़ी देर में फोन किया - क्यों जी, कब खुलेगा ?
जवाब वही - सुबह नौ बजे।
समीर जी सारी रात लगे रहे और थोड़ी थोड़ी देर में
फोन करते रहे ।
परेशान होकर बार वाला बोला - मेरे बाप, क्यों दुखी करते हो ?
भाड़ में गई मेरी बार .....
तुम तो अपना पता बताओ
मैं अभी तुम्हारे घर पर माल भेज देता हूँ .........
समीरजी बोले - तेरे पास बचा क्या है जो तू भेजेगा ?
तेरी पूरी बार में एक बूँद भी होती तो
तुझे फोन नहीं करता समझे !
तू अपनी बार खोल तो मैं दूसरी में जाऊं....
बार वाला हैरान - तुम हो कहाँ ?
समीरजी - तेरी बार में ही बैठा हूँ .........हा हा हा हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
हा...हा..हा.. बार के अन्दर ही बंद हो गए भई !! कब नो बजे और कब ये और दो मिलकर ९+२ = ११ होयें!!! हा..हा..
यार खत्री जी आप मे ये खराब आदत है. आपको कोई भी निजी बात बताओ और आप उसको तुरंत सार्वजनिक कर देते हो?
क्या माहाबाबाश्री समीरानंद जी झगडा करवाने का इरादा है क्या?:)
रामराम.
समीर जी अभी तक नही आये लगता है अभी तक नशा चढा है
समीर भाई अभी बार में ही है..हा हा...:)
अभी अभी छूटे बार से..अब खुमारी टूटे तो कुछ कहें..स्टॉक भी पूरा नहीं रखते और ताऊ जल्दी निकल गया तो हमारी बता गया. :)
Albela ji,
aapse kuch bhi batana, khatre se khali nahi....
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