जब धूप चढी तो पथिकों ने तरुवर को याद किया
जब बारिश बरसी , लोगों ने छत्री को याद किया
दिन भर की थकन मिटाने को
जी भर कहकहे लगाने को
जब शाम ढली तो महफ़िल ने खत्री को याद किया
इस नयनाभिराम कार्टून के चितेरे भाई सुरेश शर्मा जी का धन्यवाद
उन्होंने यह मुझे भेन्ट किया , मैं आप सब के लिए यहाँ रख रहा हूँ ताकि
आप इस पार्थिव चित्र के अन्तिम दर्शन का पुण्य प्राप्त कर लें ...हा हा हा
-अलबेला खत्री
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
KYAA BAAT HAI ALBELAA JI..........AAP MAHFILON KI JAANHO.....
वो तो ठीक है पर ये तो बता दीजिए दबा किसको रखा है?
फिलहाल तो ये कहने आयी हूँ ,कि , नुक्कड़ पे रचना तो मेरी है ..ये 'भाई साहब ' कहाँ से आ गए ?
हाँ ..cartoon और लिखी रचना बड़ी मज़ेदार है !
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जब धूप चढी तो पथिकों ने तरुवर को याद किया
जब बारिश बरसी , लोगों ने छत्री को याद किया
दिन भर की थकन मिटाने को
जी भर कहकहे लगाने को
जब शाम ढली तो महफ़िल ने खत्री को याद किया
वाह अलबेला जी छा गये।
अलबेला जी तुस्सी ते छा गए...
साडे दिल नूँ भा गए
"बच्चों का कार्टून से गहरा नाता है,
२१ वीं सदी में तो 'राम' और 'हनुमान' जी का भी कार्टून आता है."-मानस खत्री
वाह भाई अलबेला जी...शानदार...
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