यों तो मैं अत्यन्त विनम्र और सहनशील प्रजाति का जीव हूं लेकिन
मेरी विनम्रता व सहनशीलता का बर्तन मीडियम साइज़ का ही है, ज्य़ादा
बड़ा नहीं है। इसलिए जब कोई व्यक्ति मुझे बिलावजह छेड़ता है तो मैं
गॉडज़िल्ला की भान्ति उग्र भी हो जाता हूं। ऐसे में मेरे शरीर के सारे अंग
हरकत में आ जाते हैं। इसका साक्षात अनुभव मेरे अनेक कवि मित्र कर
चुके हैं और आशा है, आगे भी करते रहेंगे।
माना कि हमारा देश इन दिनों राजनीतिक षड्यन्त्रों, आतंक की लपटों और
साम्प्रदायिकता वाली ज़हरीली हवाओं की ज़द में है, लेकिन इसका मतलब
ये नहीं कि कोई भी आदमी अपना मुंह उठा के भारत के लिए अपमानजनक
शब्द बोल दे और मैं सुन लूं। मैं तो एक की तीन सुनाता हूं। एक उदाहरण देता
हूं। बात ज़रा पुरानी है, लेकिन ढंग की है, इसलिए आपको बताता हूं।
उन दिनों मैं सैन जॉन केलिफ़ोर्निया में आयोजित एल.पी.एस.ऑफ यू.एस.ए.
के कन्वेन्शन में प्रस्तुति के लिए गया हुआ था। वहां चार पांच गोरे लोगों ने मुझे
घेर लिया और लगे पश्चिमी देशों का बखान करने कि इस देश ने ऐसा किया,
उस देश ने वैसा किया। जबकि भारत ने कोई तीर नहीं मारा, कोई बड़ा अविष्कार
नहीं किया। मैं बोला, 'छोड़ो यार, बाप को सब कुछ सिखाओ लेकिन बच्चे पैदा
करने मत सिखाओ। भारत से बढ़ कर कुछ नहीं है, दुनिया में जो कुछ भी दिख
रहा है उसका अधिकांशतः अविष्कार हमारे आर्यावर्त में, हमारे भारत में या यूं
कहो कि हमारे हिन्दुस्तान में ही हुआ है।' उनको भरोसा नहीं आ रहा था तो मैं
भी गर्म हो गया। कहा - सुनो, भारत में क्या क्या पहली बार हुआ :
दुनिया का सबसे पुराना और पहला मन्दिर है सोमनाथ
जिसे स्वयं चंद्रमा ने बनवाया था
दुनिया का पहला विश्वविद्यालय हैं नालंदा
जिसने सारी दुनिया में ज्ञान बहाया था
दुनिया में संगीत का पहला वाद्ययंत्र है डमरू
जिसे शिव आशुतोष ने बजाया था
और दुनिया की सबसे पवित्र नदी है गंगा
जिसे भगीरथ स्वर्ग से लेकर आया था
दुनिया की सबसे पहली फ़ायर प्रूफ़लेडी थी होलिका
जो गज़ब ढाती थी
जिस आग से हम डरते हैं
उसमें रोज़ नहाती थी
दुनिया का पहला वाटरप्रूफ़ रेसीडेन्स भगवान विष्णु का है
जो वैभव की देवी लक्ष्मी के साथ रमण करते हैं
और क्षीर सागर में
शेषनाग की सुकोमल शैय्या पर शयन करते हैं
पवन पुत्र हनुमान की हिस्ट्री तो और भी हार्ड है
उनके नाम तो दुनिया के बहुत सारे रिकार्ड हैं
वेट लिफ्टिंग-पहाड़ को उठा लिया
लॉंग जम्प-समुद्र को ही लांघ दिया
खेल-खेल में समूचा सूर्य खा लिया
और केवल अपनी पूंछ की आग से पूरी लंका को जला दिया
डब्ल्यु.डब्ल्यु. ई. के रैसलर
फोकट ही मद में झूम रहे हैं
उन्हें क्या मालूम कि
पहलवान तो था कुन्ती पुत्र भीम
जिसके उछाले हुए हाथी
आज तक अन्तरिक्ष में ही घूम रहे हैं
दुनिया की पहली पुस्तक वेद,
पहले पत्रकार नारद,
पहले संपादक हुए गुरू अर्जुनदेव
और पहले कवि थे बालमिकी
हेरी पोटर का भूत सिर्फ़ उनके सर पे चढ़ा है
जिन
अभागों ने अभी तक चन्द्रकांता नहीं पढ़ा है
लाखों वर्ष पहले
हमारे ऋषियों को ग्रहों की गति का ज्ञान था
फिजिक्स और केमिस्ट्री का भान था
अरे दुनिया ने सायकल भी नहीं खरीदी थी
तब हमारे पास पुष्पक विमान था
दुनिया के पहले वैद्य धनवंत्री,
पहले डाक्टर अश्विनी कुमार
पहले शिल्पकार विश्वकर्मा व
पहले इंजीनियर थे नल और नील
जिन्होंने समुद्र के सीने पर भी सेतु बांध दिया
ये कल्पना नहीं,
इतिहास की कथा है
कि ज़रूरत पड़ने पर हमने
समुद्र को भी मथा है
और बात यदि करो मेडीकल साइंस की
तो भइया...
मेडीकल साइंस को तो
सर्जरी का कॉन्सेप्ट ही हमने दिया
ऑपरेशन गणेश,
स्वयं भगवान शिव ने अपने हाथों से किया
आदमी का शरीर और हाथी का चेहरा
चिकित्सा विज्ञान का
अब तक का सबसे बड़ा चमत्कार है
और मैं गुजरात में रहता हूं तो गर्व से कहता हूं
कि दुनिया के
सबसे पुराने पर्वत का नाम गिरनार है
मेरा इतना कहना था कि वहां कोई नहीं टिका, सब जूते हाथ में लेकर भाग
लिये। अब मुझे क्या पता, कहां भाग लिये? मैंने क्या उनका ठेका ले रखा है
जो पूरा हिसाब दूं....... बात करते हो?
मज़ा आया ?
आया ?
तो करो....हा हा हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
12 comments:
अलबेला जी आज तो आपने कमाल कर दिया अद्भुत रचना है शायद इतने विस्तार मे एक ही कविता मे इस रूप से देश का वखान नहीं हुया है बहुत बहुत बधाई
बहुत बधाई । सुन्दर रचना
कमाल हैं।नमन करता हूं आपको।
बहुत ही सुन्दर रचना अलबेला जी!!!
हास्य के साथ ही साथ अपने धर्म, संस्कृति और गौरवगाथा का बहुत ही सुन्दर मेल।
और मैं गुजरात में रहता हूं तो गर्व से कहता हूं
कि दुनिया के सबसे पुराने पर्वत का नाम गिरनार है
શું સુંદર વાત કરી છે.!!! જોરદાર જવાબ!
बहुत बढ़िया लिखा .... "कोई भी आदमी अपना मुंह उठा के भारत के लिए अपमानजनक शब्द बोल दे और मैं सुन लूं। मैं तो एक की तीन सुनाता हूं।" होना भी चाहिए एसा ही |
जबरदस्त !
गर्व से सीना चौड़ा होता जा रहा है. दरवाजे से चौड़ा हो गया तो मैं बाहर कैसे निकलूँगा ?
मैं भागता हूँ बाहर !
MERI TAREEF KAM PAD RAHI HAI BHAI MAZA AA GAYA.BADHAI!!
भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ।
बहुत सुंदर
ये स्या............ ऐसे ही मानते हैं।
जबरजस्त मजा आ गया जी
बहुत ही बढिया...तारीफ के लिए शब्द नहीं मिल रहे :-(
वाह अलबेला जी, क्या जोरदार धमाकेदार जवाब। साधू !!
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