Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

बर्क़ जब कड़कडाती हैं, तुम्हारी याद आती है............

पवन जब गुनगुनाती है, तुम्हारी याद आती है

घटा घनघोर छाती है, तुम्हारी याद आती है

बर्क़ जब कड़कडाती हैं, तुम्हारी याद आती है

कि जब बरसात आती है, तुम्हारी याद आती है




तुम्हारी याद आती है, तो लाखों दीप जलते हैं

मेरी चाहत के मधुबन में हज़ारों फूल खिलते हैं

इन आँखों में कई सपने, कई अरमां मचलते हैं

तुम्हारी याद आती है तो तन के तार हिलते हैं

4 comments:

शिवम् मिश्रा August 25, 2009 at 1:32 PM  

बेहतरीन रचना!
बधाई !

shama August 25, 2009 at 5:22 PM  

याद आने के बहने क्या बयान करें .....ये तो बिना वजह भी आही जाती है ..बेहद अलाहिदा रचना है!

http://shamasansmaran.blogspot.com

http://shama-baagwaanee.blogspot.com

http://kavitasbyshama.blogspot.com

http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

http://shama-kahanee.blogspot.com

IMAGE PHOTOGRAPHY August 25, 2009 at 6:06 PM  

khubsurat rachna ke liye badhai ho

राजीव तनेजा August 26, 2009 at 12:11 AM  

यादों की बारात निकली है आज खत्री जी द्वारे

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive