फूलों में जैसे गन्ध है, मुरली में तान है
कण-कण में ठीक ऐसे ही तू विद्यमान है
किसको भला बताऊं मैं किसको बुरा कहूं
हम सब के शरीरों में जब तेरी ही जान है
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
5 comments:
बहुत सुन्दर किसी को भी बुरा मत कहिये सब अच्छे हैं शुभकामनायें
Waqayi !
Sanjeeda khayalat..aur kitne sahi !
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अदभुत अलबेला जी।
जब भी जिधर भी देखुं वहीं तेरी शान है।
तेरा वज़ुद है तो धरा-आसमान है।
तुज़को समज़ने हम चले क़ुदरत के साथ भी।
हाथों में हमने ले लिया गीता-क़ुरान है।
गजब की रचना. बहुत अच्छा लगा. आभार.
सत्य वचन
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