कन्हैया ______एक झलक दिखला दे
कन्हैया __________________
जनम जनम से तरस रही हूँ
नयनों के रस्ते बरस रही हूँ
नयनों के रस्ते बरस रही हूँ
अब तो दरस करा दे
प्रेम का परस करा दे
_________________कन्हैया____ एक झलक दिखला दे
तन में अगन इक ख़ास लगी है
मन में मिलन की प्यास जगी है
आकर प्यास बुझा दे
धुन मुरली की बजा दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
पन्थ न जानूँ , कर्म न जानूँ
मैं पूजन का मर्म न जानूँ
नेह का धर्म निभा दे
प्रीत का गीत सुना दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
मैं दु:खियारी, विरहिन नारी
कृष्ण मुरारी, हे बनवारी
म्हारी पीर मिटा दे
सुख की घटा बरसा दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
कौन जतन करूँ , कौन उपाय रे
कैसे पुकारूँ समझ न आय रे
तू ही राह दिखा दे
अपनी राय बता दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
_________________कन्हैया ________________
_________________कन्हैया ________________
आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई !
प्रेम का परस करा दे
_________________कन्हैया____ एक झलक दिखला दे
तन में अगन इक ख़ास लगी है
मन में मिलन की प्यास जगी है
आकर प्यास बुझा दे
धुन मुरली की बजा दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
पन्थ न जानूँ , कर्म न जानूँ
मैं पूजन का मर्म न जानूँ
नेह का धर्म निभा दे
प्रीत का गीत सुना दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
मैं दु:खियारी, विरहिन नारी
कृष्ण मुरारी, हे बनवारी
म्हारी पीर मिटा दे
सुख की घटा बरसा दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
कौन जतन करूँ , कौन उपाय रे
कैसे पुकारूँ समझ न आय रे
तू ही राह दिखा दे
अपनी राय बता दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
_________________कन्हैया ________________
_________________कन्हैया ________________
आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई !
5 comments:
बहुत बढ़िया।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत-बहुत बधाई
अच्छी रचना
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामना और ढेरो बधाई .
बेहतरिन रचना।
जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाये...
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