किताब लिखो
पर ज़रूरी नहीं
ख़राब लिखो
ख़राब लिखो
पर किसने कहा
किताब लिखो
कमाल किया
किताब नहीं लिखी
बवाल किया
एहसास है ?
भूगोल नहीं है ये
इतिहास है
इतिहास में
छेड़ नहीं करते
परिहास में
जस ले बैठे
तरने की चाह में
बस ले बैठे
पारा गिरा है ?
ना रे ना भाजपा का
तारा गिरा है
राजधानी में
गिर गई उनकी
भैंस पानी में
सियासी एडो !
भूत बन जाओगे
जिन्न ना छेड़ो
5 comments:
बहुत बढ़िया व्यंग. शब्दों का चयन तो कमाल का है.
खत्री जी, टिप्पणियां भी हिंदी में लिखें तो बड़ा अच्छा लगेगा. धन्यवाद.
prasansneey kavita.
Think Scientific Act Scientific
मज़ेदार
बहुत बढ़िया लगा।
आगे भी लिखते रहें।
बधाई।
बहुत बढ़िया लगा।
आगे भी लिखते रहें।
बधाई।
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