क्योंकि हमारी देह में
कट्टरता का
कलुषित रक्त नहीं है
सीधे-सादे
प्रेम-पुजारी हैं हम
बगुले भक्त नहीं है
कनक-कामिनी की ख़ातिर
हमने
न क़त्ले-आम किया
नहीं लुटेरा बन कर
हमने
कभी, कहीं
क़ोहराम किया
हाथ उठा न कभी हमारा
बेबस पर,
मज़लूमों पर
हमने कभी नहीं अंगारे
बरसाये
मासूमों पर
कभी नहीं कुचला है
हमने
कुसुमों को
कलिकाओं को
शक्ति कहा है
भोग की वस्तु
नहीं कहा
महिलाओं को
बूंद-बूंद में,
कण-कण में,
प्रभु की सत्ता को जाना है
नहीं पराया
गिना किसी को,
सबको अपना माना है
हम नफ़रत के नाले नहीं हैं
स्नेह-क्षीर के सिन्धु हैं
इसलिए
गर्व से कहते हैं
''हम हिन्दू हैं''
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
इस धरती को नमन करते इस लिए हिन्दू हैं
धरती को हम माँ कहते इस लिए हिन्दू हैं
बहुत खुब अलबेला जी। लाजवाब
'शक्ति कहा है
भोग की वस्तु
नहीं कहा
महिलाओं को'
इसलिए
गर्व से कहते हैं
''हम हिन्दू हैं''
वंदे मातरम |
bahut hi badhiya bhai.......garv se ham bhi kahate ki ham hindu hai........
हम नफ़रत के नाले नहीं हैं
स्नेह-क्षीर के सिन्धु हैं
इसलिए
गर्व से कहते हैं
''हम हिन्दू हैं''।।
वाह्! कितना दुरुस्त फरमाया आपने।।
सत्य वचन्!!
इस सुन्दर रचना के लिए बधाई!
सुन्दर!
यदि एक शब्द में कहना पड़े तो बस इतना ही कहूँगा...
"ज़बदस्त"
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