आओ !
आओ कान्हा आओ !
WELCOME TO EARTH !
HAVE A SAFE BIRTH !
आओ !
आओ !
बड़ी प्रतीक्षा थी तुम्हारी...............
देखो,
सूख कर यमुना हो गए हैं हम तुम्हारे इन्तेज़ार में.....
खैर ...आये हो तो एक बात कहो....
यों ही आये हो या किसी ख़ास उद्देश्य से ?
जो भी हो,
एक बात कहना चाहता हूँ अपना समझ कर...
बुरा न मानना ...
बात समझना ...
हालाँकि सब कह रहे हैं कि तुम आये हो
लेकिन
लगता नहीं कि तुम आ गए हो !
न मेघ बरसे हैं
न खेत सरसे हैं
न कंस राजा के अन्त का ऐलान आया है
न ही जमुनाजी की लहरों में उफ़ान आया है
न तो गायें रम्भाई हैं
न वसुधा मुस्काई है
न नन्द के घर आनन्द चहका है
न ही मन में मकरन्द महका है
उलटे
चारों तरफ़ द्वेष है या द्वन्द्व है
महंगाई के मारे हवा बन्द है
तमस है छाया हुआ आतंक का
हाल बुरा है राजा से ले रंक का
ऊपर से आगया मुआ स्वाइन फ्लू
घर मैं घर से बाहर भी कैसे निकलूं ?
तुम तो आये हो मस्ती करने,
दही भरी हांडियां फोड़ कर निकल लोगे....
मुसीबत तो हमारी है
बोलो ! क्या इसका भी कोई हल दोगे ?
अगर नहीं तो फ़िर क्या आना हुआ ?
आना ही है तो ज़रा ढंग से आओ...............
उसी रूप और उसी रंग से आओ
जिसे हम मानते हैं
और दुखभंजक के रूप में पहचानते हैं
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
अच्छी रचना
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामना और ढेरो बधाई
बढ़िया रचना..
जन्मास्टमी की हार्दिक शुभकामना,
साथ ही साथ स्वतन्त्रता दिवस की भी हार्दिक बधाई..
विनोद पांडेय
http:\\voice-vinod.blogspot.com
bahut behtreen albela ji
kya baat hai man prasan ho gaya.
apki rachana padhker man prasanta se bhar gaya hai. tarif bole hi nahi soojh rahe hai.
बहुत बहुत ही खुब .........आप जो लिखते हो वह एक माला मे पिरो कर भावो की माला बना देते हो .......बहुत ही सुन्दर .....बधाई
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