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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

मिच्छामी दुक्कड़म.......... मिच्छामी दुक्कड़म..........

जाने अनजाने किए जिन पे ज़ुलम

भूले से भी हो गए हैं जिन पे सितम


आओ उनके घाव पे लगादें मरहम

हाथ जोड़ विनीत हो, क्षमा माँगे हम


क्षमा माँगने में हमें काहे की शरम

क्षमा माँगने से नहीं छोटे होंगे हम


जिन वाणी है क्षमा वीरस्य भूषणं

तो क्षमा माँगे हम, क्षमा करें हम

मिच्छामी दुक्कड़म.......... मिच्छामी दुक्कड़म..........

मिच्छामी दुक्कड़म.......... मिच्छामी दुक्कड़म..........

6 comments:

ओम आर्य August 23, 2009 at 8:23 PM  

kamal ki rachana.........waah waah waah ........

Udan Tashtari August 23, 2009 at 9:19 PM  

मिच्छामी दुक्कड़म..........


हमें भी क्षमा करें.

Anil Pusadkar August 23, 2009 at 11:51 PM  

क्षमा कर देना महाराज्।

राजीव तनेजा August 24, 2009 at 12:42 AM  

मैँ उन सभी से क्षमा माँगता हूँ जिनका मैँ जाने-अनजाने दिल दुखाया है

शरद कोकास August 24, 2009 at 1:01 AM  

पढ़ने की शुरुआत मे ऐसा लगा कि आप विघ्नहर्ता की स्तुति कर रहे हैं लेकिन यह तो विघ्नकर्ता की स्तुति है . हा हा हा...

हें प्रभु यह तेरापंथ August 24, 2009 at 3:27 PM  

if have ever hurt u, made u angry or caused any harm to u, knowingly or unknowingly, i humbly seek ur forgiveness...
"MiChMi-DuKaDaM"

“Khamemi Savve Jiva,
Savve Jiva Khamantu Mi
Mitti Me Savva bhuesu,
Veram majjham na Kenai”

Mahaveer semlani & family


खमत खामणा का महत्व

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